
नई दिल्ली: देश के तीसरे सबसे बड़े औद्योगिक घराने अडानी ग्रुप की नजर अब हॉस्पिटैलिटी सेक्टर पर है। ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडानी की अगुआई में यह समूह भारत के सबसे बड़े होटल पोर्टफोलियो में से एक बनाने की तैयारी कर रहा है।
टीओआई की रिपोर्ट के मुताबिक, अडानी ग्रुप अपने तेजी से बढ़ते एयरपोर्ट और रियल एस्टेट कारोबार के साथ होटल व्यवसाय को जोड़कर एक नया कमाई का तरीका अपनाएगा। यह टाटा ग्रुप के ताज, आईटीसी होटल्स और ओबेरॉय जैसे स्थापित दिग्गजों को सीधे टक्कर देगा।
अडानी ग्रुप पूरे भारत में 60 से अधिक होटल बनाने की योजना बना रहा है, जो मुख्य रूप से उसके एयरपोर्ट और रियल एस्टेट प्रोजेक्ट्स के आसपास होंगे। वर्तमान में ग्रुप भारत में सात एयरपोर्ट चला रहा है और नवी मुंबई एयरपोर्ट का विकास खुद किया है। इसके अलावा, अमृतसर और वाराणसी समेत 11 एयरपोर्ट्स पर भी ग्रुप की नजर है।
नवी मुंबई में 15 होटल
अडानी ग्रुप के डायरेक्टर जीत अडानी ने दावा किया कि केवल होटलों की संख्या के हिसाब से ही यह पोर्टफोलियो देश के सबसे बड़े होटलों में गिना जाएगा। नवी मुंबई के नए अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के आसपास करीब 15 होटल बनाए जाएंगे। ग्रुप अपने होटल अपने नाम से संचालित करने के बजाय अंतरराष्ट्रीय होटल ऑपरेटरों के साथ साझेदारी करेगा।
इस रणनीति के तहत अडानी ग्रुप होटल की निर्माण और मालिकाना हक रखेगा, जबकि संचालन, प्रबंधन और ग्राहकों को आकर्षित करने का काम विदेशी अनुभवी ब्रांड्स करेंगे।
होटल बिजनेस अडानी ग्रुप की बड़ी योजना का हिस्सा है, जिसमें एयरपोर्ट्स को मल्टी–यूज़ अर्बन हब में बदलना शामिल है। इसमें रिटेल, फूड एंड बेवरेज, कन्वेंशन सेंटर और मनोरंजन स्थल भी बनाए जाएंगे।
इस कदम के साथ अडानी ग्रुप देश में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर में बड़ा दखल देने के लिए तैयार है।