
नई दिल्ली/इंदौर: फार्मेसी तेजी से उभरता हुआ करियर क्षेत्र है। इस क्षेत्र में दो प्रमुख कोर्स हैं – बी फार्मा (B Pharma) और डी फार्मा (D Pharma)। दोनों ही कोर्स दवाओं और हेल्थकेयर सर्विसेज में करियर बनाने का अवसर देते हैं, लेकिन इनमें कई महत्वपूर्ण अंतर हैं।
बी फार्मा (B Pharma) क्या है?
बी फार्मा का पूरा नाम बैचलर ऑफ फार्मेसी है। यह 4 साल का अंडरग्रेजुएट डिग्री कोर्स है, जो फार्मास्युटिकल साइंस, दवा निर्माण, क्वालिटी कंट्रोल, रिसर्च और क्लिनिकल स्टडीज पर केंद्रित होता है। यह कोर्स हॉस्पिटल, इंडस्ट्री और उच्च शिक्षा में करियर विकल्पों के लिए बेहतर आधार देता है।
डी फार्मा (D Pharma) क्या है?
डी फार्मा का पूरा नाम डिप्लोमा इन फार्मेसी है। यह 2 साल का डिप्लोमा कोर्स है, जो मुख्य रूप से फार्मेसी प्रैक्टिस की बेसिक जानकारी देता है। डी फार्मा करने वाले स्टूडेंट्स मेडिकल स्टोर, हॉस्पिटल और हेल्थकेयर सेंटर में रजिस्टर्ड फार्मासिस्ट के तौर पर काम कर सकते हैं।
बी फार्मा और डी फार्मा में अंतर
- कोर्स अवधि: बी फार्मा 4 साल, डी फार्मा 2 साल
- अधिगम स्तर: बी फार्मा में एडवांस थ्योरी और प्रैक्टिकल ज्ञान, डी फार्मा में बेसिक जानकारी
- करियर विकल्प: बी फार्मा बेहतर करियर ग्रोथ, रिसर्च और इंडस्ट्री रोल के लिए; डी फार्मा जल्दी नौकरी या अपनी फार्मेसी खोलने के लिए उपयुक्त
- हायर स्टडी: बी फार्मा से पोस्टग्रेजुएशन और रिसर्च में अवसर, डी फार्मा में सीमित
कौन सा कोर्स चुनें?
- लॉन्ग–टर्म करियर ग्रोथ, रिसर्च या हायर स्टडीज चाहने वाले स्टूडेंट्स के लिए बी फार्मा बेहतर विकल्प है।
- जल्दी पढ़ाई पूरी कर नौकरी या फार्मेसी खोलने वाले स्टूडेंट्स के लिए डी फार्मा उपयुक्त है।
योग्यता:
दोनों कोर्स के लिए 12वीं पास होना जरूरी है। बी फार्मा के लिए फिजिक्स, केमिस्ट्री और बायोलॉजी के साथ 12वीं पास होना अनिवार्य है, जबकि डी फार्मा के लिए साइंस सब्जेक्ट के साथ 12वीं पास होना पर्याप्त है। संस्थान के अनुसार मिनिमम मार्क्स का मानदंड अलग हो सकता है।