
नई दिल्ली: अंडा दुनिया भर में स्वास्थ्यवर्धक सुपरफूड के रूप में खाया जाता है। लेकिन इन दिनों अंडों को लेकर गंभीर चेतावनी सामने आई है। बताया जा रहा है कि कुछ अंडों में नाइट्रोफुरंटोइन (Nitrofurans) नामक प्रतिबंधित एंटीबायोटिक के अवशेष पाए जा सकते हैं, जो सेहत के लिए खतरनाक हैं।
इस मामले की जांच के लिए भारत की प्रमुख खाद्य सुरक्षा संस्था FSSAI ने पूरे देश में ब्रांडेड और बिना ब्रांड वाले अंडों के सैंपल इकट्ठा करने के निर्देश दिए हैं। ये सैंपल 10 अलग-अलग लैब में भेजे जाएंगे ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अंडों में प्रतिबंधित तत्व मौजूद हैं या नहीं।
विवाद की शुरुआत:
यह मामला एक फेमस अंडा ब्रांड एगोज़ (Eggoz) से जुड़ा है। ऑनलाइन रिपोर्ट्स में इस ब्रांड के अंडों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए थे और सोशल मीडिया पर इस पर बहस शुरू हो गई।
नाइट्रोफुरंटोइन क्या है?
नाइट्रोफुरंटोइन एंटीबायोटिक का एक समूह है, जिसका इस्तेमाल खाने योग्य जानवरों में करना पूरी तरह से प्रतिबंधित है। यदि पोल्ट्री फार्मों में इसका गैरकानूनी उपयोग होता है, तो इसके अवशेष अंडों में पहुँच सकते हैं।
संभावित साइड इफेक्ट्स:
NHS के अनुसार, नाइट्रोफुरंटोइन से मतली, उल्टी, दस्त, भूख कम लगना, सिरदर्द, चक्कर और नींद जैसी समस्याएं हो सकती हैं। गंभीर मामलों में पेशाब का रंग बदलना, तेज खांसी, सांस लेने में तकलीफ, आंखों या त्वचा का पीला पड़ना, बुखार, कमजोरी और ज्यादा सिरदर्द जैसे लक्षण भी देखने को मिल सकते हैं।
एगोज़ का बयान:
एगोज़ कंपनी ने दावा किया है कि उनके अंडे पूरी तरह सुरक्षित हैं। कंपनी ने अपनी लैब रिपोर्ट सभी के लिए उपलब्ध कराई है और कहा कि किसी भी तरह के प्रतिबंधित एंटीबायोटिक या कीटनाशक के अवशेष नहीं पाए गए हैं।
हेल्थ एक्सपर्ट्स की चेतावनी:
सर्जिकल ऑन्कोलॉजी विभाग के चेयरमैन प्रो. चिंतामणि का कहना है कि नाइट्रोफुरंटोइन पर विश्व स्तर पर प्रतिबंध है। इसके अवशेष अंडों में पकाने के बाद भी रह सकते हैं। लंबे समय तक ऐसे अंडों का सेवन करने से कैंसर, लिवर और किडनी को नुकसान पहुँचने का जोखिम बढ़ जाता है।
सावधानी:
इसलिए विशेषज्ञों का कहना है कि अंडों का चयन करते समय विश्वसनीय ब्रांड और सुरक्षित स्रोत से ही खरीदें।
डिस्क्लेमर: यह लेख केवल सामान्य जानकारी के लिए है। किसी भी दवा या इलाज का विकल्प नहीं है। अधिक जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।