
चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम): स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोलती एक हृदयविदारक घटना शुक्रवार को चाईबासा से सामने आई। 4 वर्षीय मासूम की मौत के बाद एंबुलेंस न मिलने पर पिता को अपने बेटे का शव थैले में भरकर बस से घर ले जाना पड़ा। यह दृश्य देखने वालों की आंखें नम कर गया।
जानकारी के अनुसार, नोवामुंडी के बालजोड़ी गांव निवासी डिंबा चतोम्बा अपने पुत्र की तबीयत बिगड़ने पर 70 किलोमीटर दूर चाईबासा सदर अस्पताल लेकर आए। शाम करीब 4 बजे इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई। कलेजे के टुकड़े पिता ने अस्पताल प्रशासन से एंबुलेंस की गुहार लगाई, लेकिन घंटों की कोशिशों के बावजूद कोई मदद नहीं मिली।
स्थानीय लोगों ने बताया कि पिता की आर्थिक स्थिति इतनी कमजोर थी कि निजी एंबुलेंस का खर्च वह नहीं उठा सकते थे। मजबूरी में उन्होंने बच्चे का शव थैले में रखा और बस स्टैंड की ओर चल पड़े। बस में मौजूद यात्रियों ने बताया कि पिता टूटे हुए थे और बोलने की स्थिति में नहीं थे।
अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता भी सामने आई। जब उपाधीक्षक डॉ. शिवचरण हांसदा से पूछा गया, तो उन्होंने कहा, “फिलहाल मुझे इस घटना की कोई जानकारी नहीं है। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों से रिपोर्ट ली जा रही है।”
इस घटना ने झारखंड में स्वास्थ्य सेवाओं की संवेदनशीलता और तत्काल उपलब्धता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।