
रायपुर: शराब घोटाले और अन्य आर्थिक अपराधों में फंसी पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की उपसचिव और निलंबित राज्य प्रशासनिक सेवा अधिकारी सौम्या चौरसिया को ईडी ने 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले में फिर से गिरफ्तार किया है। यह उनकी पाँचवीं गिरफ्तारी है। सौम्या पहले भी इसी मामले में 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार हुई थीं और 822 दिन जेल में बिताने के बाद 3 मार्च को जमानत पर रिहा हुई थीं।
एजेंसी के अनुसार, सौम्या पर कुल 4364 करोड़ रुपये के घोटाले में शामिल होने का आरोप है। इसमें 500 करोड़ रुपये के अवैध कोल लेवी, 540 करोड़ रुपये के कोल लेवी, 575 करोड़ रुपये के डीएमएफ घोटाले, 49 करोड़ रुपये के आय से अधिक संपत्ति और 3200 करोड़ रुपये के शराब घोटाले शामिल हैं।
जांच में सौम्या के व्हाट्सएप चैट ग्रुप और डायरी को अहम सबूत के रूप में लिया गया। ग्रुप्स जैसे ‘मंथली ग्रुप’ में पैसों के लेन-देन का जिक्र पाया गया। साथ ही, आरोपियों से जब्त डायरी में कोडवर्ड में लेन-देन का उल्लेख भी मिला।
सौम्या चौरसिया कौन हैं?
सौम्या 2008 बैच की डिप्टी कलेक्टर हैं। 17 साल की सेवा में उन्हें 89.19 लाख रुपये का वेतन मिला, जबकि परिवार की कुल आय 2.51 करोड़ रुपये है। इसके बावजूद उन्होंने 49.69 करोड़ रुपये की 45 बेनामी संपत्तियां खरीदीं, जो आय से 1872 प्रतिशत अधिक हैं।
ईओडब्ल्यू ने उनकी 39 करोड़ रुपये की 29 संपत्तियां अटैच की हैं, वहीं ईडी ने 8 करोड़ रुपये की 16 अचल संपत्तियां अटैच की हैं। इसके अतिरिक्त उनके नाम पर एफडी और म्यूचुअल फंड में निवेश भी पाए गए हैं।
सौम्या चौरसिया की गिरफ्तारी रायपुर केंद्रीय जेल भेजने के बाद की जाएगी और मामले की जांच जारी है।