
जयपुर: राजस्थान के चौमूं क्षेत्र में जमीन विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। पीड़ित परिवार ने आरोप लगाया है कि पुलिस ने उनकी जमीन जबरन खाली करवाई, जबकि उन्होंने साफ तौर पर इनकार किया था। न्याय न मिलने के चलते परिवार ने देश के राष्ट्रपति से इच्छा मृत्यु की अनुमति मांगने का कदम उठाया है।
पीड़ित परिवार ने न्याय की गुहार लगाते हुए चौमूं एसडीएम कार्यालय पहुंचकर राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन सौंपा। इस दौरान मोहनलाल, उनकी पत्नी पुष्पा और अन्य परिजन मौजूद रहे। परिवार का कहना है कि कई बार शिकायत करने के बावजूद उन्हें राहत नहीं मिली।
परिवार ने लीज प्रक्रिया में धोखाधड़ी का आरोप भी लगाया। उनका कहना है कि जमीन को पेट्रोल पंप संचालन के लिए लीज पर देने के दौरान रिश्तेदार और अन्य युवकों ने मिलकर अनियमितताएं कीं, और तय की गई राशि का भुगतान नहीं किया गया।
चौमूं एसडीएम दिलीप सिंह राठौड़ ने पीड़ितों की बात सुनकर निष्पक्ष जांच और उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है। फिलहाल यह मामला क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है और प्रशासन की आगे की कार्रवाई पर सबकी नजरें टिकी हुई हैं।