
बेंगलुरु: ऑस्ट्रेलिया के पूर्व फुटबॉलर रायन विलियम्स ने हाल ही में भारतीय नागरिकता प्राप्त कर ली है, जिससे वह अब भारतीय राष्ट्रीय फुटबॉल टीम का प्रतिनिधित्व करने के योग्य हो गए हैं। बेंगलुरु एफसी के कप्तान 32 वर्षीय विलियम्स ने यह कदम अपने दिवंगत दादा की इच्छा पूरी करने के लिए उठाया है, जो मुंबई के एक प्रसिद्ध फुटबॉलर थे।
घर वापसी और फुटबॉल विरासत
विलियम्स ने ऑस्ट्रेलियाई नागरिकता छोड़कर भारतीय पासपोर्ट लिया है। यह उनके लिए घर वापसी जैसा है, क्योंकि उनकी मां का जन्म भारत में हुआ था और उनके दादा लिंकन एरिक ग्रोस्टेट 1956 में संतोष ट्रॉफी में मुंबई का प्रतिनिधित्व कर चुके थे। विलियम्स ने टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में कहा, “दादाजी की इच्छा थी कि मैं भारत में खेलूं। भारतीय पासपोर्ट हासिल करना कठिन था, लेकिन यह फैसला बिल्कुल सही था।”
भारत के लिए खेलेंगे
विलियम्स अब भारत के लिए खेलने वाले दूसरे पेशेवर फुटबॉलर बन गए हैं जिन्होंने विदेशी नागरिकता छोड़कर भारतीय नागरिकता ली है। इससे पहले 2012 में इजुमी अराता ने ऐसा किया था। विलियम्स को उम्मीद है कि वह इसी महीने बांग्लादेश के खिलाफ होने वाले एएफसी एशियन कप 2027 क्वालीफायर में भारत की ओर से डेब्यू करेंगे।
देश के लिए सब कुछ झोंकने का वादा
32 वर्षीय विलियम्स ने भारतीय जर्सी पहनने के अपने सपने को लेकर भावनात्मक जुड़ाव जताया और कहा, “जब मैं भारत की जर्सी पहनूंगा, तो देश, टीम और फैंस के लिए सब कुछ दूंगा।”
हालांकि विलियम्स अपने करियर के चरम पर नहीं हैं, लेकिन बेंगलुरु एफसी के लिए उन्होंने तीन मैचों में तीन गोल कर शानदार फॉर्म दिखाया है।