
पुणे: महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार मुश्किलों में फंसते नजर आ रहे हैं। उनकी कंपनी अमाडिया इंटरप्राइजेज एलएलपी को पुणे के पॉश मुंडवा इलाके में 40 एकड़ जमीन की बिक्री से जुड़े मामले में 21 करोड़ रुपये स्टाम्प ड्यूटी और 1.47 करोड़ रुपये जुर्माना भरने का आदेश दिया गया है।
सात महीने का अतिरिक्त ब्याज भी लगाया गया
महाराष्ट्र के डिपार्टमेंट ऑफ रजिस्ट्रेशन एंड स्टैमप्स ने कंपनी पर सात महीने का अतिरिक्त ब्याज भी लगाया है। भुगतान के लिए कंपनी को 60 दिनों की मोहलत दी गई है। अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि जितनी देर कंपनी भुगतान करेगी, जुर्माना उतना ही बढ़ता रहेगा।
सौदे की शर्तों पर उठे सवाल
कंपनी ने यह जमीन करीब 300 करोड़ रुपये में खरीदी थी, जबकि इसकी वास्तविक बाजार कीमत 1,804 करोड़ रुपये थी। सौदे के सिर्फ दो दिन बाद, डेटा सेंटर की स्थापना के बहाने कंपनी को स्टाम्प ड्यूटी में केवल 500 रुपये की छूट दी गई थी। इसके अलावा, यह जमीन ‘वतन’ श्रेणी के तहत आती थी, जो महार समुदाय के लिए आरक्षित है। बॉम्बे इन्फीरियर विलेज वाटन्स एबोलिशन एक्ट, 1958 के तहत सरकारी अनुमति के बिना ऐसी जमीन बेचना अवैध है।
विपक्ष ने साधा निशाना
इस विवाद के बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार को घेरते हुए मांग की है कि जमीन सरकार को वापस की जाए और आरोपियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस मुद्दे को सरकार द्वारा जमीन की चोरी करार दिया।
यह मामला राजनीतिक और कानूनी दोनों ही दृष्टियों से राज्य में गर्मी पैदा कर रहा है और आगामी दिनों में इसकी गंभीरता और बढ़ने की संभावना है।