
लखनऊ: समाजवादी पार्टी (सपा) के वरिष्ठ नेता आजम खान आज सपा प्रमुख अखिलेश यादव से मुलाकात करने उनके लखनऊ स्थित आवास पहुंचे। दोनों नेताओं के बीच लगभग 30 मिनट तक बातचीत हुई। इस मुलाकात को सपा के भीतर राजनीतिक हलचल और भविष्य की रणनीति के लिहाज से महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
🔹 आजम खान का बयान
मुलाकात के बाद आजम खान ने पत्रकारों से कोई विस्तृत जानकारी साझा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने केवल यह कहा कि:
- “मेरे परिवार के साथ बहुत अन्याय हुआ है।”
- “मैं अपना दर्द और अनुभव साझा करने आया था।”
आजम की यह प्रतिक्रिया उन चर्चाओं के बीच आई है, जिसमें उनके राजनीतिक कदम और पार्टी में संभावित बदलाव को लेकर कयास लगाए जा रहे थे।
🔹 पिछली मुलाकात और नेताओं से बैठक
कुछ दिन पहले अखिलेश यादव रामपुर पहुंचे थे और आजम खान से मुलाकात की थी। इसके अलावा गुरुवार को आजम खान ने कई नेताओं से भी मुलाकात की। इसमें शामिल थे:
- सपा पूर्व विधायक और अखिलेश के करीबी अभिषेक मिश्रा
- मुख्तार अंसारी के भाई सिबगतुल्लाह अंसारी
यह मुलाकातें और संवाद इस बात की ओर संकेत देती हैं कि सपा के भीतर कुछ राजनीतिक हलचल और रणनीतिक बदलाव संभव है।
🔹 जेल से रिहाई और सियासी चर्चाएँ
लंबे समय तक सीतापुर जेल में बंद रहने के बाद जमानत पर रिहा हुए आजम खान इन दिनों लगातार चर्चा में बने हुए हैं। उनके राजनीतिक कदम और मुलाकातें सपा और अन्य पार्टियों के बीच संभावित गठजोड़ और राजनीतिक समीकरण को लेकर कयासों को जन्म दे रही हैं।
विशेष रूप से यह मुलाकात उस समय हुई जब पिछली बार बसपा सुप्रीमो मायावती की लखनऊ में रैली की तैयारी थी, जिससे यह कयास भी लगाए जा रहे थे कि आजम खान उस रैली में शामिल हो सकते हैं। लेकिन अखिलेश यादव से मुलाकात के बाद इन चर्चाओं पर विराम लग गया।
🔹 सपा के भीतर संभावित बदलाव
विशेषज्ञों का मानना है कि आजम खान की लगातार मुलाकातें और नेताओं से चर्चा सपा में भविष्य में बड़े राजनीतिक बदलाव या नई रणनीति की दिशा में संकेत देती हैं। अब यह देखना होगा कि आने वाले दिनों में पार्टी की दिशा और गठबंधन की रणनीति पर इसका क्या असर पड़ेगा।
संक्षेप में: आजम खान की लखनऊ में अखिलेश यादव से मुलाकात और इसके बाद दिए गए बयान ने सियासी हलचल को बढ़ा दिया है। उन्होंने परिवार के प्रति हुए अन्याय का उल्लेख किया और पार्टी के भीतर संभावित बदलाव की चर्चाओं को हवा दी।