
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन का भारत दौरा बीते हफ्ते चर्चा का विषय बना रहा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एयरपोर्ट पर पुतिन का गरिमापूर्ण स्वागत किया और उन्हें गार्ड ऑफ ऑनर दिया। पुतिन ने 4 दिसंबर की शाम नई दिल्ली पहुँचकर 5 दिसंबर की रात मॉस्को के लिए प्रस्थान किया। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के साथ द्विपक्षीय वार्ता की और राष्ट्रपति भवन में डिनर किया।
पुतिन ने अपनी भारत यात्रा के अनुभव साझा करते हुए देश की संस्कृति और विविधता की विशेष सराहना की। उन्होंने कहा,
“1.5 अरब की आबादी वाले भारत में अलग-अलग भाषाएं और संस्कृतियां रहने के बावजूद लोग एकजुट हैं। यह ‘विविधता में एकता’ का अद्भुत उदाहरण है, जो पूरी दुनिया के लिए प्रेरणा है।”
उन्होंने यह भी बताया कि भारत में सभी हिंदी नहीं बोलते। लगभग 500-600 मिलियन लोग हिंदी बोलते हैं, लेकिन बाकी लोग अलग-अलग भाषाओं में संवाद करते हैं। कई बार लोग एक-दूसरे की भाषा भी नहीं समझ पाते, फिर भी वे एक साथ बंधे रहते हैं।
पुतिन की यह टिप्पणी 23वें भारत-रूस वार्षिक शिखर सम्मेलन के दौरान आई, जो भारत और अमेरिका के संबंधों में तनावपूर्ण समय में और भी महत्वपूर्ण बन गई।
इसके अलावा, भारत और रूस के बीच कई अहम समझौते भी हुए। इनमें शामिल हैं:
- राज्य के नागरिकों की दूसरे राज्य में अस्थायी श्रम गतिविधि पर सहयोग
- अनियमित प्रवासन को नियंत्रित करने में सहयोग
- स्वास्थ्य सेवा, चिकित्सा शिक्षा और विज्ञान के क्षेत्र में साझेदारी
- जलमार्ग और समुद्री बोर्ड के क्षेत्र में सहयोग
पुतिन के अनुसार, भारत का यह मॉडल दुनिया के लिए एक सीख है और विविधता में एकता बनाए रखने का उदाहरण पेश करता है।