Wednesday, December 10

मुख्यमंत्री डॉ. यादव की अध्यक्षता में मंत्रिपरिषद की बैठक: बुंदेलखंड के विकास पर विशेष फोकस

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को खजुराहो के महाराजा छत्रसाल कन्वेंशन सेंटर में हुई मंत्रिपरिषद की बैठक में बुंदेलखंड के औद्योगिक विकास, सिंचाई, सड़कों और रोजगार सृजन के लिए अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए गए।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में बुंदेलखंड के औद्योगिक और सामाजिक विकास पर जोर दिया। मंत्रिपरिषद ने सागर जिले में ‘मसवासी ग्रंट’ औद्योगिक क्षेत्र के लिए विशेष प्रोत्साहन पैकेज को मंजूरी दी, जिसमें भूमि प्रब्याजी मात्र 1 रुपये प्रति वर्गमीटर, विकास शुल्क चुकाने के लिए 20 वार्षिक किस्तें, विद्युत शुल्क में 5 वर्षों तक छूट और स्टाम्प एवं पंजीयन शुल्क में 100% प्रतिपूर्ति शामिल है।

सड़क विकास और परियोजनाएं:

  • सागर–दमोह 76 किमी फोरलेन मार्ग के निर्माण के लिए 2,059 करोड़ रुपये की प्रशासकीय स्वीकृति।
  • परियोजना में 13 अंडरपास, 3 बड़े पुल, 9 मध्यम पुल, 1 आरओबी, 13 बड़े जंक्शन और 42 मध्यम जंक्शन का निर्माण होगा।

शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र:

  • दमोह, छतरपुर और बुधनी मेडिकल कॉलेज में 990 नियमित और 615 आउटसोर्स पदों की स्वीकृति।
  • प्रदेश के 11 जिलों में 12 स्वास्थ्य संस्थाओं के उन्नयन और 348 पदों की स्वीकृति।
  • नीमच, शाजापुर, उज्जैन, खंडवा, पन्ना, खरगौन, सिंगरौली, रीवा, बैतूल और अनूपपुर के अस्पतालों का विस्तार एवं अपग्रेडेशन।

सिंचाई और पर्यावरण:

  • दमोह के तेंदूखेड़ा में 165 करोड़ की झापन नाला मध्यम सिंचाई परियोजना
  • सागर के वीरांगना दुर्गावती टाइगर रिजर्व नौरादेही को चीतों के रहवास के लिए विकसित करने की सैद्धांतिक स्वीकृति।

रोजगार और प्रशिक्षण:

  • पिछड़ा वर्ग के 600 युवाओं को 2 वर्षों में जापान और जर्मनी भेजने का निर्णय।

आपदा प्रबंधन:

  • प्रदेश में अग्निशमन सेवाओं के विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए 397.54 करोड़ रुपये की स्वीकृति।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि बुंदेलखंड का औद्योगिक और सामाजिक विकास उनकी प्राथमिकता है और योजनाओं का लाभ सीधे नागरिकों तक पहुंचेगा। मंत्रिपरिषद की बैठक वंदे मातरम् के साथ प्रारंभ हुई और सदस्यों ने विकास के निर्णयों का जोरदार स्वागत किया।

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