Friday, November 7

पत्नी के कमरे में कैमरे और भाई को बनाया ‘जेम्स बॉन्ड’: फैमिली कोर्ट ने खोला पति का भेद, हर महीने 20 हजार रुपए भरण-पोषण का आदेश

इंदौर – फैमिली कोर्ट ने एक चौंकाने वाला मामला उजागर करते हुए पति की साजिश का पर्दाफाश किया है। पति ने अपनी पत्नी पर नजर रखने के लिए बेडरूम में कैमरे लगा दिए थे और अपने ही भाई को उसकी जासूसी के लिए लगा रखा था। अदालत ने न केवल इस छल को पकड़ लिया, बल्कि पत्नी के पक्ष में फैसला सुनाते हुए पति को हर महीने ₹20,000 भरण-पोषण देने का आदेश दिया है।

💔 तीन साल की शादी टूटी अविश्वास के बोझ से

मामला इंदौर के सिंधी कॉलोनी की रहने वाली एक महिला का है, जिसकी शादी करीब तीन साल पहले चिली में कारोबार करने वाले युवक से हुई थी। शुरू में सबकुछ सामान्य रहा, लेकिन जल्द ही रिश्तों में कड़वाहट बढ़ने लगी। आरोप है कि पति ने पत्नी को घर से निकाल दिया और बच्ची को अपने पास रख लिया। इसके बाद पीड़िता ने न्याय के लिए फैमिली कोर्ट का दरवाजा खटखटाया।

🌍 पति का दावा निकला झूठा – विदेश में बिजनेस, कोर्ट में नौकरी का बहाना

महिला के वकील के.पी. माहेश्वरी के मुताबिक, पति ने कोर्ट में पेश किया गया नौकरी का सर्टिफिकेट फर्जी निकला। जब अदालत ने उसकी आय और खर्चों की जांच की, तो खुलासा हुआ कि वह ₹90,000 से ₹1 लाख तक कमाता है। जबकि उसने खुद स्वीकार किया कि घर और बच्ची के खर्च के लिए ₹28,000 महीना खर्च होता है। अदालत ने सवाल उठाया – “जो व्यक्ति इतना खर्च कर रहा है, वह 20 हजार रुपए की नौकरी कैसे कर सकता है?”

🎥 बेडरूम में कैमरे, हर कदम पर नजर

पत्नी ने बताया कि पति उस पर लगातार शक करता था। विदेश यात्राओं पर भी उसे साथ नहीं ले जाता था। विरोध करने पर उसने घरभर में सीसीटीवी कैमरे लगवा दिए — यहां तक कि बेडरूम में भी। पत्नी की आपत्ति पर झगड़े बढ़ते गए और रिश्ता टूटने की कगार पर पहुंच गया।

✈️ झूठे वीजा से धोखा, गर्भपात तक की नौबत

पत्नी ने यह भी आरोप लगाया कि गर्भावस्था के दौरान उसे विदेश ले जाने का झांसा दिया गया, लेकिन फर्जी वीजा दस्तावेज तैयार कर धोखा दिया गया। विरोध करने पर ससुराल वालों ने मारपीट की, जिससे उसका गर्भपात हो गया। बाद में पति ने उस पर चोरी का झूठा आरोप लगाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

⚖️ कोर्ट ने कहा – झूठ बोलने पर सजा हो सकती है सात साल तक

अदालत ने अपने आदेश में सुप्रीम कोर्ट के ‘रजनीश बनाम नेहा’ मामले का हवाला देते हुए कहा कि दोनों पक्षों को अपनी आय का सत्यापन शपथपत्र के साथ देना होता है। झूठ बोलने या फर्जी दस्तावेज प्रस्तुत करने पर सात साल तक की सजा हो सकती है।

💰 अदालत का निर्णय

पति के झूठ और छल का पर्दाफाश होने के बाद फैमिली कोर्ट ने उसे आदेश दिया कि वह पत्नी को ₹4 लाख रुपये एकमुश्त बकाया राशि के रूप में जमा करे और आगे से हर महीने ₹20,000 भरण-पोषण के तौर पर देता रहे।

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