
मैतेई विधायक यमनाम खेमचंद ने कुकी क्षेत्र में लगाया कैंप, बने सौहार्द के दूत
इंफाल। मणिपुर में दो साल से जारी जातीय हिंसा के बीच पहली बार एक समुदाय का विधायक दूसरे समुदाय के बीच पहुंचा है। मैतेई समुदाय से आने वाले बीजेपी के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष यमनाम खेमचंद ने सोमवार को कुकी बहुल क्षेत्रों का दौरा कर एक साहसिक और ऐतिहासिक पहल की है। 2023 में हिंसा भड़कने के बाद यह पहला मौका है जब किसी मेइती विधायक ने कुकी समुदाय से प्रत्यक्ष मुलाकात की है।
राहत शिविरों में पहुंचकर सुनी पीड़ितों की व्यथा
खेमचंद ने म्यांमार सीमा के करीब उखरूल जिले के लिटान और कामजोंग जिले के चस्साद गांवों का दौरा किया।
उन्होंने आगजनी, विस्थापन और हिंसा के शिकार कुकी समुदाय के राहत शिविरों में रह रहे 173 बेघर लोगों से मुलाकात की।
विधायक ने लोगों से कहा—
“दुनिया में कई समुदायों के बीच संघर्ष होते हैं, लेकिन मतभेदों के बावजूद हमें सौहार्द से रहना सीखना चाहिए। एक-दूसरे के गांवों का दौरा करने में कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।”
बीजेपी उपाध्यक्ष भी रहे साथ, यात्रा को बताया जोखिम भरा कदम
यमनाम खेमचंद के साथ राज्य बीजेपी के उपाध्यक्ष और प्रमुख तंगखुल नागा नेता होपिंग्सन शिमरे भी मौजूद थे।
शिमरे ने इस यात्रा को “दुर्लभ और जोखिम भरा राजनीतिक कदम” बताया।
उन्होंने कहा कि वर्तमान हालात में किसी विपक्षी समुदाय के इलाके में राजनीतिक नेता का प्रवेश असाधारण साहस का संकेत है।
शिमरे के मुताबिक—
“खेमचंद पहले मैतेई बीजेपी विधायक हैं, जिन्होंने संघर्ष शुरू होने के बाद किसी कुकी राहत शिविर में कदम रखा है।”
“बच्चों के भविष्य को हिंसा की भेंट न चढ़ने दें”
लिटान सारेखोंग बैपटिस्ट चर्च राहत शिविर में खेमचंद ने प्रभावित परिवारों से अपील की कि वे इस संघर्ष को आने वाली पीढ़ियों की प्रगति पर असर न डालने दें। उन्होंने कहा—
“हम बड़ों के बीच मतभेद हो सकते हैं, लेकिन बच्चों का भविष्य इससे प्रभावित नहीं होना चाहिए। मणिपुर में शांति लौटना आवश्यक है।”
उन्होंने सभी समुदायों से राजनीति और बदले की भावना छोड़कर शांति को सर्वोच्च प्राथमिकता देने की अपील की।
मणिपुर में उम्मीद की नई किरण
बीते दो वर्षों से चले आ रहे जातीय तनाव के बीच यमनाम खेमचंद की यह पहल मणिपुर में विश्वास बहाली की दिशा में महत्वपूर्ण कदम मानी जा रही है।
राजनीतिक विश्लेषक इसे दोनों समुदायों के बीच संवाद शुरू करने का सबसे सकारात्मक प्रयास बता रहे हैं।
