
इंदौर। इंदौर में 13 अक्टूबर 2022 की एक भयावह घटना के तीन साल बाद न्याय हुआ। दो साल की मासूम के साथ दुष्कर्म और हत्या के प्रयास के आरोपी दिनेश डाबर को कोर्ट ने चार बार आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। यह फैसला पॉक्सो एक्ट और हत्या के प्रयास की धाराओं के तहत सुनाया गया।
कोर्ट ने सुनाई सख्त सजा
अपर सत्र न्यायाधीश (विशेष न्यायालय पॉक्सो) शिप्रा पटेल ने आरोपी दिनेश डाबर को:
- पॉक्सो एक्ट की तीन धाराओं में आजीवन कारावास,
- हत्या के प्रयास की धारा में आजीवन कारावास,
- जबरदस्ती संबंध बनाने की धारा में 5 साल की सजा और
- 42,000 रुपये का अर्थदंड सुनाया।
कोर्ट ने कहा कि आरोपी ने 2 वर्षीय मासूम को घर से उठाकर उसके साथ जघन्य कृत्य किए, जो उसकी कुंठित आपराधिक मानसिकता को दर्शाता है। जज ने यह भी कहा कि महिलाओं की सुरक्षा घर के अंदर और बाहर दोनों जगह असुरक्षित है, इसलिए न्यूनतम दंड न्यायोचित नहीं।
घटना की पृष्ठभूमि
बच्ची के पिता ने चंदननगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी कि वे निर्माणाधीन भवन में चौकीदारी करते हैं और रात में उनकी दो साल की बेटी गायब हो गई। अगले दिन डायल-100 के सैनिक अभिनव सेन ने बच्ची को रेती मंडी रोड के पास झाड़ियों में गंभीर अवस्था में पाया।
पुलिस जांच और साक्ष्य
- घटना स्थल का सीसीटीवी फुटेज खंगाला गया, जिसमें एक ट्रक नजर आया।
- आरोपी की पहचान ट्रक ड्राइवर दिनेश डाबर के रूप में हुई।
- बच्ची के शरीर में मिले डीएनए नमूनों का आरोपी के डीएनए से मिलान हुआ।
- 31 गवाहों के बयान, मेडिकल और वैज्ञानिक साक्ष्यों के आधार पर आरोपी को दोषी ठहराया गया।
कोर्ट ने बालिका को हुई मानसिक और शारीरिक क्षति की पूर्ति के लिए 3 लाख रुपये पीड़ित प्रतिकर योजना के तहत देने की अनुशंसा भी की।
न्याय का ऐतिहासिक निर्णय
यह पहला मामला है जब किसी आरोपी को एक ही घटना में चार अलग-अलग धाराओं में आजीवन कारावास सुनाया गया है। न्यायिक प्रणाली की इस कठोर कार्रवाई को कानून के विशेषज्ञों ने सकारात्मक और उदाहरणीय कदम बताया है।