“न्याय का मंदिर बनाएं, 7 स्टार होटल नहीं” — सीजेआई भूषण गवई की आर्किटेक्ट को सख्त नसीहत, बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग पर बोले — “वैभव हो, दिखावा नहीं”
मुंबई : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने बुधवार को मुंबई में बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग और लॉ यूनिवर्सिटी के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने वास्तुकार हाफिज कॉन्ट्रैक्टर को संबोधित करते हुए कहा —
“यह इमारत न्याय का मंदिर है, कोई सात सितारा होटल नहीं। इसमें वैभव हो सकता है, लेकिन दिखावा नहीं होना चाहिए।”
सीजेआई गवई ने आगे कहा कि, “मैंने मीडिया में पढ़ा कि नई इमारत में एक लिफ्ट केवल दो जज साझा करेंगे। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अब जज कोई सामंती शासक नहीं हैं। चाहे ट्रायल कोर्ट का जज हो या सुप्रीम कोर्ट का, हम सभी जनता के सेवक हैं।”
🏛️ न्याय की गरिमा, सादगी और सेवा का प्रतीक बने नई बिल्डिंग
सीजेआई गवई ने कहा कि अदालतों की इमारतें ऐसी होनी चाहिएं जो जनता में विश्वास और सहजता का भाव पैदा करें। उन्होंने कहा कि “न्यायालय जनता के लिए ...


