Friday, November 14

Editorial

क्या राहुल गांधी विपक्ष के लिए ‘ग्रहण’ बन गए हैं?
Editorial

क्या राहुल गांधी विपक्ष के लिए ‘ग्रहण’ बन गए हैं?

कांग्रेस और पूरा विपक्ष वेंटिलेटर पर—क्यों हर चुनाव में डूबती जाती है विपक्ष की नैया? भारतीय राजनीति में राहुल गांधी की भूमिका जितनी विवादित है, उतनी ही रहस्यमयी भी। कई बार ऐसा लगता है कि जिस भी राजनीतिक मंच पर राहुल गांधी कदम रखते हैं, वहाँ विपक्ष पर मानो कोई अदृश्य ग्रहण लग जाता है। यह सिर्फ आरोप नहीं, बल्कि पिछले दस वर्षों का चुनावी इतिहास इस धारणा को और प्रबल करता है। ऐसा क्यों है कि राहुल गांधी चुनाव लड़ते तो विपक्ष के नाम पर हैं, लेकिन जीत का वास्तविक श्रेय—बार-बार भाजपा और एनडीए को ही मिलता है?क्या यह सिर्फ राजनीतिक संयोग है?या वास्तव में विपक्ष का नेतृत्व “परिवारवाद की बेड़ियों” में बुरी तरह जकड़ चुका है? 2014: कहानी की शुरुआत — कांग्रेस का ऐतिहासिक पतन 2014 में कांग्रेस सिर्फ 44 सीटों पर सिमट गई। यह सिर्फ एक हार नहीं थी, बल्कि विपक्ष के राजनीतिक अस्तित्व पर गंभीर प्रहा...