
रिज़वान | नवभारत टाइम्स | 4 दिसंबर 2025
भारत और रूस के बीच रणनीतिक रिश्तों को नई ऊर्जा मिलने की उम्मीदों के बीच, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन आज दिल्ली पहुंच रहे हैं। इस बहुप्रतीक्षित मुलाकात से पहले पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने एक खास अनुभव को साझा किया, जिसने दो नेताओं के बीच की गर्मजोशी और व्यक्तिगत तालमेल को एक बार फिर उजागर कर दिया है।
चीन में मोदी-पुतिन की ‘दोस्ताना’ कार यात्रा
पुतिन ने इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में बताया कि सितंबर में चीन में आयोजित SCO समिट के दौरान दोनों नेता बैठक खत्म होने के बाद साथ में एक कार से निकले थे। यह घटना पहले से तय नहीं थी।
पुतिन ने कहा—
“हम बाहर निकले तो मेरी कार वहीं थी। मैंने प्रधानमंत्री मोदी से कहा—क्यों न हम साथ चलें? उन्होंने मुस्कुराकर तुरंत हामी भर दी। हम बिल्कुल दो दोस्तों की तरह कार में बैठे।”
उन्होंने बताया कि कार यात्रा के दौरान दोनों नेताओं के बीच कई मुद्दों पर सार्थक चर्चा हुई और होटल पहुँचने के बाद भी लंबे समय तक बातचीत जारी रही।
पुतिन बोले—यह मेरा विचार था, दोस्ती का प्रतीक
रूसी राष्ट्रपति ने स्पष्ट किया कि कारपूलिंग का विचार उनका था और मोदी ने इसे सहजता से स्वीकार किया।
उन्होंने कहा—
“यह हमारे भरोसे और दोस्ती का प्रतीक था। मोदी के साथ बात करने के लिए हमेशा कुछ न कुछ होता है। चर्चा हमेशा रोचक होती है।”
मोदी ने भी उस मुलाकात के बाद सोशल मीडिया पर लिखा था कि उनकी पुतिन के साथ बातचीत “बहुत उपयोगी और सकारात्मक” रही।
“भारत एक महान देश, रिश्ते भरोसे पर खड़े हैं”
इंटरव्यू में पुतिन ने भारत को लेकर विशेष सम्मान व्यक्त करते हुए कहा—
- “भारत एक महान देश है।”
- “भारत और रूस के बीच संबंध भरोसे पर आधारित हैं।”
- “मैं रूस-भारत दोस्ती का हमेशा समर्थक रहा हूँ।”
उन्होंने यह भी कहा कि वह भारत के साथ व्यापार से अधिक निजी रिश्ते को महत्व देते हैं और यही रिश्ते दोनों देशों को वैश्विक राजनीति में मजबूती देते हैं।
दौरे पर दुनिया की नजर
पुतिन की दो दिवसीय भारत यात्रा का उद्देश्य—
- सामरिक संबंधों को और मजबूत करना
- आर्थिक सहयोग बढ़ाना
- ऊर्जा, रक्षा और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर विस्तृत चर्चा करना
यह यात्रा ऐसे समय हो रही है जब भारत और अमेरिका के संबंधों में कुछ तनाव देखा जा रहा है। इसलिए पूरी दुनिया की नजर दिल्ली में होने वाली मोदी-पुतिन बैठक पर है।