Thursday, December 4

महाराष्ट्र की सियासत में उलटफेर: उद्धव ठाकरे का ‘रिवर्स गियर’, शिंदे के सामने दोहरी चुनौती

महाराष्ट्र में निकाय चुनावों के बीच बीजेपी और शिवसेना के बीच चल रही तनातनी अब और गहराती नजर आ रही है। लंबे समय बाद डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे मुंबई के ऑरेंज गेट अर्बन टनल प्रोजेक्ट में सीएम फडणवीस के साथ दिखे, लेकिन राजनीतिक तनाव कम नहीं हुआ। इस बीच उद्धव ठाकरे ने सक्रिय होकर ‘घर वापसी’ अभियान शुरू कर दिया है।

सूत्रों के अनुसार, उद्धव ठाकरे ने शिंदे कैंप के कई नेताओं और कार्यकर्ताओं को अपनी शिवसेना में शामिल कराकर चुनावी मोर्चे पर बड़ा दांव खेला है। नवी मुंबई में शिरीष काशीनाथ पाटिल, मयूर ठाकुर और संदीप सालवे जैसे नेता अपने समर्थकों के साथ उद्धव ठाकरे की शिवसेना में लौटे। पार्टी प्रमुख ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया।

शिंदे के सामने अब दोहरी चुनौती है:

  1. बीजेपी के साथ सिंधुदुर्ग में बढ़ी खटास को संभालना।
  2. शिवसेना प्रभाव वाले क्षेत्रों में अपनी पकड़ बनाए रखना।

विश्लेषकों का कहना है कि निकाय चुनावों में शिवसेना की ताकत कमजोर होने पर महायुति सरकार में इसकी अहमियत पर असर पड़ेगा। वहीं, शिंदे केंद्र में मोदी सरकार का समर्थन बनाए हुए हैं।

सूत्रों के मुताबिक, मुंबई चुनावों से पहले नेताओं के दल-बदल का सिलसिला और तेज होगा। वहीं, बीजेपी ने ठाणे में बड़ा झटका देने की योजना बनाई थी, जिसे शिंदे ने दिल्ली दौरे से समय रहते टाल दिया।

महाराष्ट्र की सियासत में अब हर मोड़ पर नए समीकरण बन रहे हैं और निकाय चुनावों के नतीजे इस महायुति सरकार के भविष्य को तय कर सकते हैं।

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