Thursday, November 20

सुप्रीम कोर्ट ने रोकी हरियाणा STF की जांच, दिल्ली वकील को मिली राहत

नई दिल्ली/अनिल कुमार। सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को हत्या के एक मामले में गिरफ्तार दिल्ली के वकील विक्रम सिंह के खिलाफ हरियाणा पुलिस के विशेष कार्य बल (एसटीएफ) की जांच पर रोक लगा दी। साथ ही अदालत ने वकील को 12 नवंबर को दी गई अंतरिम जमानत को नियमित कर दिया।

वकील के खिलाफ आरोप और शिकायतें

वरिष्ठ अधिवक्ता विकास सिंह ने कोर्ट में आरोप लगाया कि उनके मुवक्किल को हिरासत में प्रताड़ित किया गया। वकील को पूरी रात खंभे से बांधकर रखा गया, धमकी दी गई कि उनके बाल काट दिए जाएंगे, और थाने में उन्हें तीसरे दर्जे की यातना दी गई।
अधिवक्ता ने यह भी कहा कि एसटीएफ अधिकारियों ने विक्रम सिंह पर दबाव डाला कि वह कुछ आरोपियों के खिलाफ गैंगवार सुलझाएं, जबकि वे सिर्फ वकील के रूप में अपना केस लड़ रहे थे।

सुप्रीम कोर्ट का निर्णय

पीठ में चीफ जस्टिस बी.आर. गवई, जस्टिस प्रसन्ना बी. वराले और जस्टिस के. विनोद चंद्रन ने कहा कि जांच आगे नहीं बढ़ेगी और वकील की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने कहा कि जांच को सीबीआई को सौंपने की याचिका पर बाद में विचार किया जाएगा। चीफ जस्टिस ने कहा,
“तो मामला क्या है? सीबीआई इसकी बेहतर जांच करेगी।”

वकील की प्रतिक्रिया

विक्रम सिंह ने किसी भी गलत काम से इनकार किया और बताया कि उनका जमानत बॉन्ड अगले दिन ही भरा गया। उन्होंने कहा कि याचिकाकर्ता के बयान भ्रामक हैं और गिरफ्तारी सही प्रक्रिया के तहत की गई थी। वकील ने कोर्ट से अपील की कि हत्या का मामला पहले से ही एसटीएफ के पास है और शिकायतों के आधार पर जांच स्थानांतरित करने का अर्थ पूरी प्रक्रिया को प्रभावित करना होगा।

नोट:

यह मामला वकील के अधिकारों, हिरासत में प्रताड़ना और जांच की निष्पक्षता को लेकर चर्चा का विषय बन गया है। सुप्रीम कोर्ट की इस रोक से यह सुनिश्चित किया गया कि वकील के खिलाफ जांच निष्पक्ष और संवैधानिक तरीके से हो।

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