Thursday, December 11

नौगाम धमाका: क्या टल सकता था हादसा? विशेषज्ञों ने उठाए गंभीर सवाल, बोले—‘यह लापरवाही नहीं, हत्या है’

नई दिल्ली/श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के नौगाम थाने में रखे गए विस्फोटकों में हुए जोरदार धमाके ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस घटना में एफएसएल के तीन कर्मचारियों सहित 9 लोगों की मौत हो गई और 32 लोग घायल हुए। अब इस हादसे को लेकर विशेषज्ञों ने बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि अगर सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल और SOP का पालन होता, तो यह धमाका पूरी तरह टाला जा सकता था।

This slideshow requires JavaScript.

‘यह दुर्घटना नहीं, हत्या है’ — पूर्व एफएसएल डायरेक्टर

जम्मू-कश्मीर फोरेंसिक साइंस लैबोरेटरी के पूर्व डायरेक्टर आर.एल. धर ने नौगाम धमाके पर बेहद सख्त प्रतिक्रिया दी है।
उन्होंने कहा—

“यह एक दुर्घटना नहीं, बल्कि हत्या है। एफएसएल स्टाफ विस्फोटकों को हैंडल करने के लिए प्रशिक्षित नहीं होता। उनकी भूमिका सिर्फ विश्लेषण और पहचान तक सीमित है।”

धर का आरोप है कि

  • रात के वक्त एफएसएल स्टाफ को मौके पर बुलाना गलत था
  • घटनास्थल पर कोई प्रशिक्षित विस्फोटक विशेषज्ञ मौजूद नहीं था
  • विस्फोटकों को हैंडल करने से पहले लाइव एक्सप्लोसिव की जांच नहीं की गई

धर ने कहा, “अमोनियम नाइट्रेट अपने आप नहीं फटता। इसका मतलब साफ है कि कंटेनर में लाइव एक्सप्लोसिव मौजूद था।”

अन्य विशेषज्ञ भी बोले—SOP की अनदेखी

एफएसएल के एक अन्य वरिष्ठ विशेषज्ञ, जिन्होंने 40 साल से अधिक सेवा की है, ने बताया कि

  • पुलिस स्टेशन को क्राइम सीन की तरह सैनिटाइज किए बिना विस्फोटक रखना गलत था
  • रात में सैंपल इकट्ठे करने की कोई जरूरत नहीं थी
  • वरिष्ठ अधिकारी पूरी तरह लापता थे

उन्होंने सवाल उठाया—
“इतनी रात को सैंपल क्यों लिए जा रहे थे? किसने आदेश दिया?”

फोरेंसिक विभाग में ‘नॉन-टेक्निकल’ अधिकारियों की तैनाती पर सवाल

विशेषज्ञों ने ये भी आरोप लगाया है कि एफएसएल में शीर्ष पदों पर ऐसे लोगों की नियुक्ति की गई है, जिनके पास विस्फोटक जैसे संवेदनशील मामलों को संभालने का अनुभव नहीं है।
उनके अनुसार यही वजह है कि “इस तरह की मौतें होती हैं।”

मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला भी बोले—लोगों को सच्चाई जाननी चाहिए

जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने भी कहा है कि नौगाम धमाके की पूरी सच्चाई सामने आनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि लोगों को यह जानने का अधिकार है कि यह हादसा कैसे हुआ।

जांच में सामने आया दिल्ली धमाके से कनेक्शन

नौगाम थाने में जो विस्फोटक फटे, वे हरियाणा के फरीदाबाद से बरामद किए गए थे। यह जब्ती एक सफेदपोश आतंकी मॉड्यूल से हुई थी, जो जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा बताया जा रहा है।

इसी मॉड्यूल से जुड़ा था—

  • दिल्ली के लाल किले के पास I20 कार में हुआ आत्मघाती हमला (10 नवंबर)
  • फिदायीन डॉक्टर उमर नबी, जिसने अपनी कार उड़ाकर हमला किया

एफएसएल टीम उन्हीं जब्त विस्फोटकों की जांच कर रही थी।

डीजीपी ने कहा था—“यह दुर्घटना मात्र”

धमाके के अगले ही दिन जम्मू-कश्मीर के डीजीपी नलिन प्रभात ने इसे एक “दुर्घटना” बताया था।
लेकिन अब विशेषज्ञों की राय सामने आने के बाद यह सवाल और गहरा हो गया है कि—

क्या नौगाम ब्लास्ट वास्तव में टल सकता था? क्या यह महज लापरवाही नहीं, उससे भी बड़ा अपराध था?

Leave a Reply