
छुटमलपुर कस्बे में पारिवारिक कलह की एक दर्दनाक कहानी ने 20 वर्षीय युवक की जिंदगी छीन ली। डी-फार्मा के छात्र वंश ने शनिवार सुबह फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। इस हृदयविदारक घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया। बेटे की मौत के बाद भी माता-पिता के बीच चला आ रहा विवाद नहीं थमा और हालात यहां तक पहुंच गए कि अंतिम संस्कार को लेकर भी तीखी झड़प हो गई।
आत्महत्या से पहले लिखा भावुक स्टेटस
घटना नई बस्ती, छुटमलपुर की है। वंश अपनी मां रीता रानी और दो बहनों के साथ किराए के कमरे में रहता था। शनिवार सुबह उसने रोजमर्रा की तरह दिन की शुरुआत की—नहाया, साफ कपड़े पहने, छोटी बहन को ट्यूशन छोड़कर लौटा। सुबह करीब आठ बजे उसने व्हाट्सऐप स्टेटस पर लिखा—
“लगता है मौत जवानी में होगी”
और कुछ ही देर बाद मफलर से फंदा बनाकर पंखे से लटक गया।
मां ने देखा तो टूट गई दुनिया
कुछ समय बाद जब रीता रानी कमरे में पहुंचीं, तो बेटे को फंदे पर लटका देख बदहवास हो गईं। चीख-पुकार सुनकर पड़ोसी मौके पर पहुंचे और वंश को तुरंत अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा। पुलिस के अनुसार, प्रथम दृष्टया मामला आत्महत्या का है और फिलहाल किसी पक्ष की ओर से तहरीर नहीं दी गई है।
8–10 साल से अलग रह रहे थे माता-पिता
वंश के तनाव की बड़ी वजह उसकी पारिवारिक स्थिति मानी जा रही है। मां रीता रानी आशा वर्कर हैं, जबकि पिता जितेंद्र पेंटर का काम करते हैं। पति-पत्नी के बीच लंबे समय से विवाद चल रहा था और दोनों पिछले 8 से 10 वर्षों से अलग-अलग रह रहे थे। मां बच्चों के साथ छुटमलपुर में रहती थीं, जबकि पिता गांव कमालपुर में।
पढ़ाई के साथ नौकरी कर उठा रहा था जिम्मेदारी
वंश पढ़ाई के साथ-साथ रात में एक निजी कंपनी में काम करता था। दोस्तों के मुताबिक वह शांत स्वभाव का था, लेकिन बीते कुछ समय से काफी परेशान रहने लगा था। चार दिन पहले पिता बच्चों से मिलने आए थे, तभी पति-पत्नी के बीच तीखी कहासुनी हुई थी। बताया जा रहा है कि इसी घटना के बाद वंश और ज्यादा मानसिक दबाव में आ गया।
मौत के बाद भी आरोप-प्रत्यारोप
दर्दनाक पहलू यह रहा कि बेटे की मौत के बाद भी माता-पिता के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। पिता पक्ष ने आत्महत्या के लिए मां को जिम्मेदार ठहराया, जबकि मां और उसके मायके वालों ने सारा दोष पिता पर मढ़ दिया। हालात बिगड़ते देख पुलिस को हस्तक्षेप करना पड़ा।
अंतिम संस्कार को लेकर भी हुआ विवाद
पोस्टमार्टम के बाद विवाद और गहरा गया। मां अपने भाइयों के साथ बेटे का अंतिम संस्कार छुटमलपुर में करना चाहती थीं, जबकि पिता उसे पैतृक गांव कमालपुर ले जाने पर अड़े थे। काफी बहस और तनाव के बाद अंततः वंश का अंतिम संस्कार छुटमलपुर में ही किया गया।