Thursday, December 25

विदेश पढ़ाई का बढ़ता क्रेज: चार राज्यों से सबसे ज्यादा छात्र जा रहे परदेस, सरकार की रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

 

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नई दिल्ली। भारत से विदेश जाकर पढ़ाई करने वाले छात्रों की संख्या हर साल तेजी से बढ़ रही है। नीति आयोग की ताजा रिपोर्ट ‘भारत में उच्च शिक्षा का अंतरराष्ट्रीयकरण’ में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, भारत आज दुनिया में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा स्रोत देश बन चुका है। साल 2024 में 13.35 लाख से अधिक भारतीय छात्र विदेशों में पढ़ाई कर रहे थे।

 

रिपोर्ट बताती है कि भारतीय छात्रों की पहली पसंद अब कनाडा बन गया है, जबकि अमेरिका दूसरे स्थान पर खिसक गया है। इसके पीछे वीजा नीतियां, इमिग्रेशन नियम, पढ़ाई और रहन-सहन की लागत तथा पढ़ाई के बाद नौकरी और पीआर (स्थायी निवास) की संभावनाएं अहम कारण मानी जा रही हैं।

 

कनाडा बना भारतीय छात्रों की पहली पसंद

 

आंकड़ों के अनुसार,

 

2016 में कनाडा जाने वाले भारतीय छात्रों की संख्या 94,240 थी

2024 में यह संख्या करीब 350 प्रतिशत बढ़कर 4.27 लाख हो गई

 

वहीं अमेरिका में

 

2016 में 4.23 लाख भारतीय छात्र थे

कोविड के दौरान 2020 में यह घटकर 1.67 लाख रह गई

2024 में फिर बढ़कर 3.37 लाख पहुंच गई

 

इन देशों में भी बढ़ी भारतीय छात्रों की मौजूदगी

 

2024 के आंकड़ों के अनुसार,

 

ब्रिटेन – 1.85 लाख

ऑस्ट्रेलिया – 1.22 लाख

जर्मनी – 42,997

यूएई – 25,000

रूस – 24,940

 

2020 में टॉप-10 में शामिल यूक्रेन और इटली, 2024 की सूची से बाहर हो गए हैं।

 

किन राज्यों से सबसे ज्यादा छात्र विदेश जा रहे?

 

रिपोर्ट के मुताबिक, विदेश पढ़ाई के लिए जाने वाले छात्रों में कुछ राज्यों की हिस्सेदारी सबसे ज्यादा है।

 

  1. आंध्र प्रदेश
  2. पंजाब
  3. महाराष्ट्र
  4. गुजरात

इसके बाद दिल्ली, तमिलनाडु, केरल, चंडीगढ़, कर्नाटक और उत्तर प्रदेश का स्थान आता है।

 

भारत से 28 छात्र बाहर, 1 छात्र अंदर

 

नीति आयोग की रिपोर्ट में प्रतिभा पलायन (Brain Drain) की ओर भी ध्यान दिलाया गया है।

साल 2024 में, भारत आने वाले हर एक विदेशी छात्र के मुकाबले 28 भारतीय छात्र विदेश चले गए। यह स्थिति देश के लिए गंभीर संकेत मानी जा रही है।

 

भारत में भी खुल रहे विदेशी यूनिवर्सिटी कैंपस

 

हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि आने वाले वर्षों में स्थिति में बदलाव संभव है। भारत में अब विदेशी यूनिवर्सिटीज के कैंपस खुलने लगे हैं और 2026 तक कई और विदेशी संस्थान भारत में शिक्षा शुरू कर सकते हैं। ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों की यूनिवर्सिटीज भारतीय संस्थानों के साथ समझौते कर रही हैं।

 

विशेषज्ञों का मानना है कि भारत को 2030 तक कम से कम 1 लाख अंतरराष्ट्रीय छात्रों की मेजबानी का लक्ष्य रखना चाहिए, ताकि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में वैश्विक संतुलन बनाया जा सके।

 

भारत में किन देशों से आते हैं सबसे ज्यादा विदेशी छात्र?

 

रिपोर्ट के 2021-22 के आंकड़ों के अनुसार, भारत में पढ़ने आने वाले विदेशी छात्रों में

नेपाल, अफगानिस्तान, अमेरिका, बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात, भूटान, नाइजीरिया और तंजानिया के छात्र सबसे ज्यादा हैं।

 

 

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