
ढाका: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने भारत के साथ तनाव के बीच सुलह का संकेत दिया है। वित्तीय सलाहकार सालेहुद्दीन अहमद ने मंगलवार को कहा कि ढाका का भारत जैसे बड़े पड़ोसी के साथ कड़वे रिश्ते रखने का कोई इरादा नहीं है।
अहमद ने स्पष्ट किया कि अंतरिम प्रशासन का मुख्य उद्देश्य द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना और आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है जब दोनों देशों के बीच विरोध प्रदर्शन और वीजा सेवाओं को रद्द करने जैसी घटनाओं से तनाव बढ़ने का खतरा था।
यूनुस खुद कर रहे रिश्ते सुधारने का काम:
सालेहुद्दीन ने बताया कि अंतरिम सरकार के प्रमुख मोहम्मद यूनुस व्यक्तिगत रूप से भारत के साथ संबंधों को सामान्य बनाने के लिए प्रयासरत हैं। उन्होंने कहा, “अंतरिम प्रशासन किसी भी हाल में भारत के साथ संबंधों को खराब नहीं होने देगा।”
भारत विरोधी बयानबाजी को किया खारिज:
बांग्लादेश में कुछ नेताओं की भारत विरोधी टिप्पणियों के बारे में उन्होंने कहा कि ये राजनीतिक बयान थे और अंतरिम सरकार का इससे कोई लेना-देना नहीं। यूनुस प्रशासन स्थिर और सकारात्मक द्विपक्षीय संबंध बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है।
आर्थिक सहयोग को प्राथमिकता:
अहमद ने बताया कि अंतरिम सरकार ने भारत से 50,000 मीट्रिक टन चावल आयात की मंजूरी दी है। उन्होंने कहा कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति का व्यापार या आर्थिक सहयोग पर असर नहीं पड़ेगा। इस कदम को द्विपक्षीय आर्थिक संबंधों को मजबूत करने वाला बताया गया।
बांग्लादेश की यह पहल संकेत देती है कि यूनुस प्रशासन भारत के साथ मित्रवत और संतुलित संबंध बनाए रखने में विश्वास रखता है।