
लखनऊ: उत्तर प्रदेश विधानसभा में कोडीन कफ सिरप मामले को लेकर सियासी तापमान और बढ़ गया। समाजवादी पार्टी के विधायक अतुल प्रधान ने इस मामले में सरकार की संलिप्तता पर सवाल उठाए। इसके बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सदन में तीखे अंदाज में विपक्ष पर करारा हमला बोला।
सीएम योगी ने कहा कि देश में दो प्रकार के नमूने हैं—एक दिल्ली में बैठता है और दूसरा लखनऊ में। दोनों गलत तरीके से मुद्दों को उठाते हैं और भाग खड़े होते हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि उत्तर प्रदेश में कफ सिरप से किसी की भी मौत नहीं हुई है। नकली दवाओं या कोडीन कफ सिरप से मौत के दावों का सरकार के पास कोई प्रमाण नहीं है।
सख्त कार्रवाई का एलान:
सीएम योगी ने कहा कि एनडीपीएस एक्ट के तहत दोषियों के खिलाफ कड़ा कानूनी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने सदन को जानकारी दी कि अब तक 79 केस दर्ज किए जा चुके हैं, 225 लोग नामजद हैं और 78 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा 134 केंद्रों पर छापेमारी भी की जा चुकी है।
सपा सरकार पर आरोप:
सीएम ने आरोप लगाया कि इस मामले से जुड़े एक आरोपी को 2016 में समाजवादी पार्टी की सरकार के दौरान लाइसेंस जारी किया गया था। उन्होंने कहा कि विपक्ष बेवजह शोर मचा रहा है, जबकि जड़ें कहीं और जुड़ी हुई हैं।
अन्य राज्यों का संदर्भ:
योगी आदित्यनाथ ने यह भी बताया कि कफ सिरप से जुड़ा एक मामला तमिलनाडु में बने सिरप से संबंधित है। उन्होंने विपक्ष पर तंज कसते हुए कहा कि पढ़ाई-लिखाई से आपका कोई वास्ता नहीं है, आप चिल्लाते रहेंगे और हम सुनते रहेंगे।
विपक्ष का विरोध:
मुख्यमंत्री के आक्रामक बयान के बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा किया और वॉकआउट किया। नेता प्रतिपक्ष माता प्रसाद पांडेय ने कहा कि समाजवादी पार्टी को निशाना बनाया जा रहा है, जबकि विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष को संयम बनाए रखने की सलाह दी।