
देश के एविएशन सेक्टर में हाल ही में मची अफरा-तफरी की अहम वजह पायलटों की कमी नहीं, बल्कि इंडिगो एयरलाइंस के ऑटोमैटिक रोस्टर सिस्टम में आई गंभीर गड़बड़ी रही। विशेषज्ञों और सूत्रों के अनुसार, सिस्टम में सॉफ्टवेयर अपग्रेड के दबाव ने फ्लाइट और पायलटों के रोस्टर को प्रभावित किया, जिससे दिसंबर की शुरुआत में कई फ्लाइट रद्द हो गईं और यात्रियों को भारी परेशानी हुई।
सॉफ्टवेयर अपग्रेड से शुरू हुआ संकट
सूत्रों के मुताबिक, अक्टूबर 2025 में अमेरिका की जेट ब्लू एयरलाइंस की एयरबस-320 फ्लाइट में तकनीकी समस्या के बाद एयरबस-320 फैमिली के सभी प्लेन में सॉफ्टवेयर अपग्रेड करने का आदेश दिया गया। इंडिगो को 29 नवंबर से 30 नवंबर की सुबह 5:29 बजे तक अपने 200 प्लेन में यह अपग्रेड पूरा करना था।
रोस्टर गड़बड़ी से बढ़ी समस्या
सॉफ्टवेयर अपग्रेड के दबाव में इंडिगो ने अपने छह मेंटिनेंस सेंटरों पर सभी प्लेन को अलग-अलग सेंटर में रखते हुए उड़ाया। इससे उसके प्लेन और पायलटों का रोस्टर गड़बड़ाया और सिस्टम इसे संभाल नहीं पाया। इसके बाद इंडिगो ने रोस्टर को मैनुअल और ऑटोमैटिक दोनों तरीके से चलाने की कोशिश की, लेकिन हालात और बिगड़ गए।
फ्लाइट रद्द होने से यात्रियों को मुश्किल
दो दिसंबर से ही कई फ्लाइट रद्द होने लगीं। यात्रियों को हवाई यात्रा में भारी असुविधा का सामना करना पड़ा। इंडिगो संकट का मामला संसद के दोनों सदनों—राज्यसभा और लोकसभा—में भी उठाया गया।
न्यायिक प्रक्रिया में स्थिति
दिल्ली हाई कोर्ट में इस मुद्दे पर सुनवाई जारी है। वहीं, सुप्रीम कोर्ट ने मामले पर सुनवाई से इनकार करते हुए याचिकाकर्ता को दिल्ली हाई कोर्ट जाने का निर्देश दिया।
निष्कर्ष
विशेषज्ञों का कहना है कि इंडिगो संकट से यह स्पष्ट होता है कि तकनीकी गड़बड़ी और सिस्टम अपग्रेड में जल्दबाजी ने हवाई यात्रा को प्रभावित किया। इससे यह भी संदेश जाता है कि एविएशन सेक्टर में तकनीकी तैयारी और रोस्टर मैनेजमेंट बेहद महत्वपूर्ण हैं, ताकि यात्रियों की सुविधा बाधित न हो।