
नवादा: बिहार के नवादा जिले में मोहम्मद अथर हुसैन की क्रूर लिंचिंग की घटना ने समाज में गहरा सदमा पैदा कर दिया है। पीड़ित परिवार के लिए मुआवजे की मांग करते हुए कई मुस्लिम संगठनों ने गुरुवार को फुलवारीशरीफ में प्रेस कॉन्फ्रेंस की।
इमारत-ए-शरिया के नाज़िम मुफ्ती मोहम्मद सईदुल रहमान कासमी ने इस घटना को अत्यंत गंभीर बताते हुए दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। उन्होंने कहा, “दोषियों पर त्वरित सुनवाई होनी चाहिए और उन्हें कड़ी सजा दी जानी चाहिए।” इस मौके पर जमीयत-ए-इस्लामी हिंद, जमीयत उलेमा-ए-हिंद, इदार-ए-शरिया समेत अन्य संगठनों के प्रतिनिधि मौजूद थे।
संगठनों ने मोहम्मद अथर हुसैन के परिवार के लिए 50 लाख रुपये मुआवजा, उनकी पत्नी के लिए सरकारी नौकरी और बच्चों के लिए शिक्षा व स्वास्थ्य देखभाल सहायता की मांग की।
मामले का विवरण:
मोहम्मद अथर हुसैन, जो कपड़े बेचने का काम करते थे, 5 दिसंबर को भट्टपार गांव के पास साइकिल पंचर करवाने रुके थे। इसी दौरान स्थानीय लोगों ने उन्हें रोका, नाम और पेशा पूछा और फिर बेरहमी से हमला कर दिया। हुसैन को पिटाई के दौरान गंभीर चोटें आईं और 12 दिसंबर को इलाज के दौरान उनकी मृत्यु हो गई।
पीड़ित के भाई मोहम्मद शाकिब आलम ने बताया कि हमलावरों ने उन्हें साइकिल से नीचे खींचा, 18,000 रुपये लूटे और गर्म लोहे की छड़ से हमला किया। वीडियो में हुसैन ने इस क्रूर अत्याचार का विवरण खुद बताया।
मुस्लिम संगठनों ने प्रशासन से अपील की है कि नवादा जिले में बढ़ते अपराध और हिंसा की घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएँ।