
नई दिल्ली।
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक की बेंगलुरु एमजी रोड शाखा में बड़े पैमाने पर ग्राहक फंड के हेराफेरी का मामला सामने आया है। बैंक की प्रायोरिटी बैंकिंग यूनिट में हुई इस धोखाधड़ी से कम से कम ₹80 करोड़ के फंड का दुरुपयोग हुआ बताया जा रहा है।
मामला कैसे सामने आया
यह मामला पिछले महीने एक ग्राहक की शिकायत से शुरू हुआ, जिसमें उसने अपने 2.7 करोड़ रुपये के फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) में हेराफेरी की जानकारी दी। इसके बाद बैंक ने प्रारंभिक जांच के दौरान कई अनियमितताएं पाई और जांच का दायरा बढ़ा दिया।
जांच और कार्रवाई
- बेंगलुरु सिटी पुलिस ने इस मामले को क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (CID) को ट्रांसफर किया।
- बैंक ने मामले में शामिल कर्मचारी को बर्खास्त कर पुलिस के हवाले कर दिया।
- प्रारंभिक जांच में पाया गया कि कर्मचारी ने नकली हस्ताक्षर और RTGS के जरिए फंड डायवर्ट करना सुनिश्चित किया।
- जांच के लिए PwC को भी जिम्मेदारी दी गई है।
फ्रॉड की विधि
ग्राहक ने FD बनाने के लिए 2 करोड़, 50 लाख और 25 लाख रुपये के चेक बैंक को दिए थे। जांच में सामने आया कि ये पैसे ग्राहक के इच्छित उद्देश्य के बजाय तीसरे पक्ष को भेज दिए गए। इसके बाद कई अन्य ग्राहकों ने भी इसी तरह की शिकायत दर्ज कराई।
बैंक का बयान
स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक ने कहा,
“हमारे ग्राहकों के हित हमारी प्राथमिकता हैं। प्रभावित ग्राहकों को हुए किसी भी नुकसान की भरपाई सुनिश्चित की जाएगी। बैंक जांच और पुलिस के साथ पूरा सहयोग कर रहा है।”
गिरफ्तारी
बेंगलुरु की स्थानीय अदालत ने रिलेशनशिप मैनेजर नक्का किशोर कुमार (40) को न्यायिक हिरासत में भेजा। उन पर ग्राहक के साथ 2.7 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी करने का आरोप है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि कुमार ने नकली FD बॉन्ड जारी करके फंड का हेराफेरी किया।