Friday, December 12

यूपी BJP प्रदेश अध्यक्ष की रेस में सात दावेदार बीएल वर्मा से पंकज चौधरी और साध्वी निरंजन ज्योति तक—रविवार को उठेगा नाम से पर्दा

लखनऊ। लंबे इंतजार के बाद यूपी भारतीय जनता पार्टी के नए प्रदेश अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। भाजपा संगठन चुनाव की तिथि तय हो चुकी है और जैसे-जैसे घोषणा नजदीक आ रही है, प्रदेश अध्यक्ष की रेस में कई दिग्गज नेताओं के नाम तेजी से उभरकर सामने आ रहे हैं।

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शनिवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक पार्टी कार्यालय में नामांकन की प्रक्रिया पूरी कराई जाएगी। इसके अगले दिन रविवार को केंद्रीय चुनाव अधिकारी पीयूष गोयल नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा करेंगे।
वर्तमान अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी का कार्यकाल पहले ही समाप्त हो चुका है और करीब 14 महीनों से संगठन चुनाव प्रक्रिया चल रही है।

रेस में सबसे आगे सात नाम

1. बीएल वर्मा — OBC समाज का मजबूत चेहरा

बीएल वर्मा इस रेस में सबसे आगे बताए जा रहे हैं। केंद्र सरकार में मंत्री और अमित शाह के विश्वस्त माने जाने वाले वर्मा सुनील बंसल के भी करीबी हैं। पार्टी में OBC समीकरण साधने के लिहाज से उनका नाम सबसे चर्चित है।

2. पंकज चौधरी — पूर्वांचल के प्रभावी नेता

केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी महराजगंज से सात बार के सांसद हैं। पीएम नरेंद्र मोदी से नजदीकी के चलते उनकी दावेदारी मजबूत मानी जा रही है। पूर्वांचल में उनकी पकड़ संगठन के लिए महत्वपूर्ण मानी जाती है।

3. साध्वी निरंजन ज्योति — निषाद समाज से आने वाली आग्रही नेता

केंद्रीय मंत्री साध्वी निरंजन ज्योति निषाद समुदाय से आती हैं। भाजपा सहयोगी निषाद पार्टी के दबाव को कम करने और अति-पिछड़े वर्ग को साधने के लिए उनका नाम मजबूत विकल्प के रूप में देखा जा रहा है। साध्वी की छवि और योगी आदित्यनाथ से उनकी निकटता भी चर्चा का कारण है।

4. स्वतंत्रदेव सिंह — संगठन के अनुभवी और दमदार नेता

पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके स्वतंत्रदेव सिंह ओबीसी समाज से आते हैं। 2022 विधानसभा चुनाव में संगठन की रणनीति तैयार कर उन्होंने भाजपा को लगातार दूसरी बार सत्ता में पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई। योगी सरकार का भरोसेमंद चेहरा होने के कारण उनका नाम एक बार फिर रेस में है।

5. धर्मपाल सिंह — योगी सरकार के वरिष्ठ मंत्री

ओबीसी श्रेणी के एक और मजबूत दावेदार हैं पशुधन एवं दुग्ध विकास मंत्री धर्मपाल सिंह। विधायक के रूप में उनका लंबा अनुभव और योगी सरकार में प्रभावशाली भूमिका उनकी दावेदारी को मजबूती देती है।

6. दिनेश शर्मा — ब्राह्मण चेहरा, संगठन और सरकार दोनों का अनुभव

पूर्व उपमुख्यमंत्री और वर्तमान राज्यसभा सांसद दिनेश शर्मा को केंद्र और प्रदेश दोनों में पसंद किया जाता है। यदि ब्राह्मण चेहरे पर सहमति बनती है तो दिनेश शर्मा और पूर्व सांसद हरीश द्विवेदी दोनों ही मजबूत दावेदार हैं।

7. अमरपाल मौर्य — संगठन में लंबे अनुभव वाले नेता

RSS पृष्ठभूमि और संगठन में वर्षों का अनुभव अमरपाल मौर्य को रेस में प्रमुख बनाता है। वे प्रदेश महामंत्री रहे हैं और वर्तमान में राज्यसभा सांसद हैं। किसान परिवार से आए मौर्य की छवि संगठनप्रिय नेता की है।

इन नामों की भी हो रही चर्चा

रेस में विद्यासागर सोनकर का नाम भी तेजी से उभर रहा है, जो पार्टी के दलित चेहरे के रूप में जाने जाते हैं। इसके अलावा—

  • बाबूराम निषाद
  • जुगल किशोर (पूर्व BSP नेता)
  • विनोद सोनकर
  • श्रीकांत शर्मा
  • विजय बहादुर पाठक
  • गोविंद नारायण शुक्ला

जैसे नाम भी राजनीतिक गलियारों में चर्चा में हैं।

रविवार को घोषित होगा नया चेहरा

98 जिलों में से 84 जिलाध्यक्षों के चुनाव पूरे हो चुके हैं, 1,600 से अधिक मंडल अध्यक्षों का चयन भी हो चुका है। अब पूरी निगाहें रविवार पर टिकी हैं जब उत्तर प्रदेश भाजपा को नया कप्तान मिलेगा।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि नया अध्यक्ष caste equation, 2027 मिशन और संगठन के भविष्य को ध्यान में रखकर चुना जाएगा।

यूपी की सियासत में बीजेपी के नए प्रदेश अध्यक्ष का नाम अब बस कुछ घंटों की दूरी पर है।

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