
वाराणसी: यूपी में नशीले कफ सिरप सिंडिकेट का जाल जितना फैल रहा है, उतनी ही तेजी से नए खुलासे भी सामने आ रहे हैं। पुलिस जांच के बाद अब इस हाई-प्रोफाइल केस में ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की भी एंट्री हो चुकी है। बुधवार को ईडी की दो टीमें वाराणसी पहुंचीं और सिंडिकेट के मुख्य सरगना शुभम जायसवाल के घर पर समन चस्पा कर दिया। दुबई फरार शुभम को 8 दिसंबर को तलब किया गया है।
इस बीच पुलिस गिरफ्त में आए शुभम के पिता भोला प्रसाद ने जांच में कई चौंकाने वाले खुलासे किए। इसी पूछताछ में सामने आया कि सिंडिकेट के वित्तीय लेन-देन और काले कारोबार की पूरी बही-खाता वाराणसी के चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) विष्णु अग्रवाल संभालता था। यही वजह है कि विष्णु अब इस पूरे मामले में सबसे अहम कड़ी बनकर सामने आया है।
सीए विष्णु अग्रवाल पर बड़ा शक, पुलिस की तलाश तेज
पूछताछ में पता चला कि शुभम जायसवाल के करोड़ों रुपये के अवैध धंधे का पूरा हिसाब-किताब विष्णु अग्रवाल के पास था।
- किस फर्म के नाम पर क्या लेन-देन हुआ
- किस कंपनी से कितनी सप्लाई हुई
- संपत्तियों की खरीद-बिक्री का रिकॉर्ड
सब कुछ विष्णु ही मैनेज करता था।
पुलिस अब उसकी तलाश में जुट गई है। यह भी पता लगाया जा रहा है कि विष्णु किन-किन लोगों के संपर्क में था और क्या वह सिंडिकेट के अन्य सदस्यों के लिए भी वित्तीय प्रबंधन करता था।
30 से ज्यादा एफआईआर के आधार पर ईडी की जांच
ईडी ने गाजियाबाद, सोनभद्र, वाराणसी, जौनपुर, लखनऊ समेत विभिन्न जिलों में दर्ज 30 से अधिक एफआईआर के आधार पर मनी लांड्रिंग का केस दर्ज किया है।
अगले दो दिन में 30 से ज्यादा आरोपियों—
अमित सिंह टाटा, आलोक सिंह, गौरव, वरुण, वासिफ, आसिफ, विकास, विकास सिंह नरवे और अन्य को भी समन भेजे जाएंगे।
जेल में बंद आरोपियों से ईडी अदालत की अनुमति लेकर पूछताछ करेगी।
ईडी ने शुभम से मांगा 10 साल का आयकर रिकॉर्ड
सिंडिकेट की मनी ट्रेल खंगालने के लिए ईडी ने शुभम से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे हैं—
- पिछले 10 वर्षों का आयकर विवरण
- सभी खरीदी-बेची गई संपत्तियों का ब्योरा
- बैंक खाते
- कंपनियों, साझेदारी फर्मों, निदेशक और प्रमोटरों के नाम
- स्टेकहोल्डर्स की लिस्ट
- बंद हो चुकी कंपनियों का डाटा
ईडी की ओर से भेजे समन में साफ चेतावनी दी गई है कि हाजिर न होने पर सख्त कानूनी कार्रवाई होगी।
यह मामला अब यूपी की सबसे बड़ी मल्टी-डिस्ट्रिक्ट ड्रग और मनी लांड्रिंग जांच में बदल चुका है, जिसमें CA विष्णु अग्रवाल की भूमिका सबसे बड़ी कड़ी के रूप में उभर रही है।