
मुंबई : सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश भूषण गवई ने बुधवार को मुंबई में बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग और लॉ यूनिवर्सिटी के भूमि पूजन कार्यक्रम के दौरान एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने वास्तुकार हाफिज कॉन्ट्रैक्टर को संबोधित करते हुए कहा —
“यह इमारत न्याय का मंदिर है, कोई सात सितारा होटल नहीं। इसमें वैभव हो सकता है, लेकिन दिखावा नहीं होना चाहिए।”
सीजेआई गवई ने आगे कहा कि, “मैंने मीडिया में पढ़ा कि नई इमारत में एक लिफ्ट केवल दो जज साझा करेंगे। मैं स्पष्ट करना चाहता हूं कि अब जज कोई सामंती शासक नहीं हैं। चाहे ट्रायल कोर्ट का जज हो या सुप्रीम कोर्ट का, हम सभी जनता के सेवक हैं।”
🏛️ न्याय की गरिमा, सादगी और सेवा का प्रतीक बने नई बिल्डिंग
सीजेआई गवई ने कहा कि अदालतों की इमारतें ऐसी होनी चाहिएं जो जनता में विश्वास और सहजता का भाव पैदा करें। उन्होंने कहा कि “न्यायालय जनता के लिए हैं, इसलिए इन्हें सेवा और सादगी की भावना से बनाया जाना चाहिए।”
उन्होंने यह भी जोड़ा कि भारत के संविधान ने न्यायपालिका को अत्यंत गरिमामय स्थान दिया है, इसलिए अदालतें आम लोगों के विश्वास की प्रतीक बननी चाहिएं — “न्यायालय का दरवाज़ा ऐसा हो, जिसे देखकर जनता को सम्मान और भरोसे का एहसास हो, भय या दूरी का नहीं।”
💰 4,217 करोड़ की लागत से बनेगा बॉम्बे हाईकोर्ट का नया भवन
बॉम्बे हाईकोर्ट की नई इमारत की कुल लागत 4,217 करोड़ रुपये है। प्रारंभिक अनुमान 3,750 करोड़ था, लेकिन परियोजना का आकार और सुविधाएँ बढ़ने से लागत भी बढ़ी।
महाराष्ट्र सरकार ने इसके लिए 30 एकड़ भूमि आवंटित की है — जिनमें से 15 एकड़ भूमि सौंप दी गई है, जबकि शेष 15 एकड़ मार्च 2026 तक सौंपी जाएगी।
🏗️ डिज़ाइनर हाफिज कॉन्ट्रैक्टर की भव्य योजना
देश के मशहूर वास्तुकार हाफिज कॉन्ट्रैक्टर ने बॉम्बे हाईकोर्ट की नई बिल्डिंग का डिज़ाइन तैयार किया है। यह भवन बांद्रा गवर्नमेंट कॉलोनी एरिया में वेस्टर्न एक्सप्रेस हाईवे के किनारे बन रहा है।
जानकारों के अनुसार, इसका परिसर ओवल मैदान के छह मैदानों के बराबर क्षेत्रफल में फैला होगा, जिसमें 75 कोर्ट रूम, मॉडर्न सुविधाएं और एकीकृत न्यायिक कॉम्प्लेक्स शामिल होंगे।
👥 शिलान्यास समारोह में राज्य के दिग्गज नेता रहे मौजूद
बुधवार को हुए शिलान्यास कार्यक्रम में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, अजीत पवार, न्यायमूर्ति चंद्रशेखर, और मंत्री शिवेंद्रसिंह राजे भोसले सहित कई गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।
✍️ सीजेआई गवई का संदेश — “न्यायालयों का वैभव जनता की आस्था से है”
कार्यक्रम के अंत में सीजेआई ने दोहराया कि नई इमारत भारत की न्यायपालिका की गरिमा को दर्शाए, परंतु उसमें भव्यता के साथ सादगी और सेवा का संतुलन हो।
“हम न्याय के प्रहरी हैं, शासक नहीं। न्याय का मंदिर तभी पूर्ण होगा, जब उसमें जनसेवा की आत्मा बसती हो।”