Tuesday, December 2

पश्चिम बंगाल: 2208 बूथों पर शून्य ‘अनकलेक्टिबल’ फॉर्म, चुनाव आयोग ने ली सख्त कार्रवाई

कोलकाता: पश्चिम बंगाल में एसआईआर (सर्वे ऑफ इलेक्टर्स रिविजन) को लेकर गंभीर स्थिति सामने आई है। राज्य के 2,208 मतदान केंद्रों पर शून्य ‘अनकलेक्टिबल’ एन्यूमरेशन फॉर्म पाए गए हैं। इन बूथों पर न तो कोई मतदाता मृत, न ही स्थानांतरित, न अनुपस्थित और न ही डुप्लीकेट पाया गया। यह स्थिति चुनाव आयोग के लिए चिंता का विषय बनी हुई है।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी मनोज अग्रवाल ने राज्य के 24 में से 22 जिलों के जिला निर्वाचन अधिकारियों को 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट सौंपने का आदेश दिया है। सबसे अधिक मामले दक्षिण 24 परगना जिले से सामने आए हैं, जबकि मालदा, मुर्शिदाबाद और नदिया जिले भी इस मामले में शामिल हैं।

अनकलेक्टिबल फॉर्मों की विस्तृत स्थिति:

  • 542 बूथों पर 1 फॉर्म
  • 432 बूथों पर 2 फॉर्म
  • 372 बूथों पर 3 फॉर्म
  • 481 बूथों पर 5 फॉर्म
  • 548 बूथों पर 6 फॉर्म
  • 585 बूथों पर 7 फॉर्म
  • 678 बूथों पर 8 फॉर्म
  • 779 बूथों पर 9 फॉर्म
  • 857 बूथों पर 10 फॉर्म

सीनियर अधिकारी ने बताया कि शून्य से दस तक फॉर्म रिपोर्ट वाले मामलों की विस्तृत जांच की जा रही है। मृत, स्थायी रूप से स्थानांतरित, अनुपस्थित और डुप्लीकेट मतदाताओं की पहचान करना सामान्य प्रक्रिया का हिस्सा है।

बीएलओ और राजनीतिक विवाद:
टीएमसी समर्थित ‘बीएलओ अधिकार रक्षा समिति’ के सदस्यों ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया और बैरिकेड्स तोड़ने का प्रयास किया। इस दौरान बीजेपी नेता सुवेंदु अधिकारी भी पांच सूत्री मांगों के साथ पहुंच गए। उन्होंने दावा किया कि राज्य में 30-35 बड़े उल्लंघन हुए हैं और एक स्वतंत्र एजेंसी से जांच की मांग की।

सुवेंदु अधिकारी ने मुख्य निर्वाचन अधिकारी और अतिरिक्त मुख्य निर्वाचन अधिकारी से मुलाकात कर 26-28 नवंबर के दौरान फर्जी एंट्री और अनियमितताओं की जांच कराने की अपील की। उन्होंने आरोप लगाया कि इस दौरान लगभग 1.25 करोड़ फर्जी एंट्री की गई और इनमें से कम से कम 30,000 अवैध मतदाता थे। उन्होंने कहा कि 5,000 बीएलओ के खिलाफ शिकायतें की गई हैं और उनका जवाब चुनाव आयोग से चाहिए।

मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि इस मामले की जांच फिजिकल वेरिफिकेशन, जोन ऑब्जर्वर और टेक्नोलॉजी के माध्यम से की जाएगी।

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