
दमोह: कलेक्टर सुधीर कोचर ने दमोह में रैन बसेरों का औचक निरीक्षण किया और सर्द रात में बाहर बिलखते हुए मुसाफिरों को पाया। मुसाफिरों ने अपनी आपबीती सुनाई, जिसके बाद कलेक्टर ने कर्मचारियों को निलंबित करने के निर्देश दिए और खुद को भी अव्यवस्था का जिम्मेदार मानते हुए माफी मांगी।
निरीक्षण में खुलासा हुआ कि शहर के दो सरकारी रैन बसेरे, जिनमें लाखों रुपये खर्च किए गए हैं, लॉक होकर बंद पड़े थे। दमोह जिला अस्पताल का रैन बसेरा शराबियों के अड्डे में तब्दील हो गया था। केयर टेकर कर्मचारी रात होते ही मुसाफिरों को बाहर निकालकर ताले लगाकर घर चले जाते थे।
कलेक्टर सुधीर कोचर ने तत्काल कार्रवाई करते हुए लापरवाह कर्मचारियों को निलंबित किया और जरूरतमंदों को रैन बसेरों की सुविधा प्रदान करने का आश्वासन दिया। उन्होंने भरोसा दिलाया कि भविष्य में हर मुसाफिर को इस सुविधा का लाभ मिलेगा।
मुसाफिरों के बिलखते हुए सामने आने के बाद कलेक्टर ने सरकारी तंत्र की नाकामी स्वीकार की और आवश्यक सुधार की प्रतिबद्धता जताई। इस औचक निरीक्षण से प्रशासन में नई चेतना पैदा होने की उम्मीद जताई जा रही है।