
बूंदी: राजस्थान के बूंदी जिले में स्वास्थ्य विभाग की अमानवीय लापरवाही का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। हिंडोली क्षेत्र की गर्भवती महिला खुशबू भील के नौ माह के शिशु की गर्भ में मौत हो गई। इसके बावजूद जिला चिकित्सालय में भर्ती होने के बाद उसे सुबह 10 बजे से रात 8 बजे तक वार्ड में बेड तक नहीं मिला, और महिला को दिनभर बेंच पर ही दर्द सहते रहना पड़ा।
पूर्व निदेशक के हस्तक्षेप से शुरू हुआ इलाज
पीड़िता के परिजन अस्पताल में कोई सुनवाई न होने पर राजस्थान बीज निगम के पूर्व निदेशक चर्मेश शर्मा से मदद मांगने पहुंचे। शर्मा ने तत्काल चिकित्सालय का दौरा किया और पीएमओ डॉ. लक्ष्मीनारायण मीणा को स्थिति से अवगत कराया। निर्देश मिलने के बाद महिला को तुरंत लेबर रूम में भर्ती कर जरूरी दवाइयां दी गईं।
देर रात सफल ऑपरेशन
गुरुवार देर रात लगभग 12 बजे डॉक्टरों की टीम ने महिला के गर्भ से मृत शिशु को निकाल लिया। महिला की जान बचने पर परिजन ने राहत की सांस ली।
समय पर रेफर करने पर बच सकती थी जान
परिजन आरोप लगा रहे हैं कि यदि महिला को हिंडोली अस्पताल से समय पर बूंदी जिला चिकित्सालय रेफर किया जाता, तो आपात स्थिति में सीजेरियन ऑपरेशन के माध्यम से शिशु की जान बचाई जा सकती थी। परिजनों ने अस्पताल प्रशासन की लापरवाही पर गहरी नाराजगी जताई है।
घटना से स्वास्थ्य व्यवस्था पर सवाल
यह मामला स्पष्ट करता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं में गंभीर कमियां हैं, और समय पर कार्रवाई न होने के कारण जीवन संकट में पड़ सकता है।