
नई दिल्ली: रूस के राष्ट्रपति पुतिन के 4 दिसंबर दौरे से ठीक पहले भारत ने अमेरिका के साथ 9,000 करोड़ रुपये की बड़ी डिफेंस डील साइन की है। इस डील में MH-60R हेलीकॉप्टरों के रखरखाव, एक्सकैलिबर प्रिसिजन एम्यूनिशन और जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलों की खरीद शामिल है।
MH-60R हेलीकॉप्टर की अहमियत
इस हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल भारतीय नौसेना कर रही है। नवंबर में हुई डील में MH-60R हेलीकॉप्टरों के रखरखाव, सपोर्ट और सर्विस पर मुहर लगी है। अधिकारियों के अनुसार, अगले पांच सालों में इन हेलीकॉप्टरों की ऑपरेशनल उपलब्धता और रखरखाव क्षमता में महत्वपूर्ण सुधार होगा।
डील का पैकेज
करीब 8,000 करोड़ रुपये का ‘सस्टेनमेंट सपोर्ट’ पैकेज स्पेयर पार्ट्स, तकनीकी सहायता, ट्रेनिंग, उपकरण सपोर्ट और कंपोनेंट रिपेयर सुविधाओं को कवर करता है। भारत में ही हेलीकॉप्टरों के रखरखाव और इंटरमीडिएट-लेवल रिपेयर सुविधाएं स्थापित की जाएंगी। यह डील फॉरेन मिलिट्री सेल्स (FMS) रूट के तहत हुई है, जिससे अमेरिकी सरकार सर्वोत्तम शर्तें और समय-सीमा की गारंटी देती है।
भारतीय नौसेना की ताकत में वृद्धि
MH-60R हेलीकॉप्टर हर मौसम में ऑपरेशन करने में सक्षम हैं और ये एंटी-सबमरीन वारफेयर में भी उपयोगी हैं। नौसेना के पास फिलहाल 24 MH-60R हेलीकॉप्टर हैं। इस सपोर्ट से उनकी क्षमता और तैनाती और मजबूत होगी।
अमेरिका से जारी सैन्य खरीदारी
भारत समय-समय पर अमेरिका से विभिन्न हथियार और उपकरण खरीदता रहा है, जिनमें C130J ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, P8I मैरीटाइम एयरक्राफ्ट, असॉल्ट राइफलें और हेलीकॉप्टर शामिल हैं। साल 2020 में भारत ने MH-60R हेलीकॉप्टरों के लिए 14,000 करोड़ रुपये की डील साइन की थी।
इसके अलावा, इस साल भारत ने GE Aviation के साथ तेजस फाइटर जेट के लिए लगभग 1,000 करोड़ रुपये का ऑर्डर दिया है। इसके तहत F404 इंजन की सप्लाई होगी और अगली पीढ़ी के तेजस विमानों के लिए F414 इंजन खरीदने और टेक्नोलॉजी ट्रांसफर पर बातचीत जारी है।