Monday, December 1

रतन टाटा का सेशेल्स वाला विला बिकने की कगार पर! ₹85 लाख कीमत वाली प्रॉपर्टी के लिए आया ₹55 करोड़ का ऑफर

दिवंगत उद्योगपति रतन टाटा की विदेशी संपत्ति को लेकर बड़ी जानकारी सामने आई है। पूर्वी अफ्रीकी देश सेशेल्स में स्थित उनका शानदार बीच-व्यू विला अब बिकने जा रहा है। दिलचस्प बात यह है कि जिसकी अनुमानित कीमत सिर्फ ₹85 लाख आंकी गई थी, उसी प्रॉपर्टी के लिए अब ₹55 करोड़ की भारी-भरकम पेशकश की गई है।

किसने दिया ₹55 करोड़ का ऑफर?

सूत्रों के मुताबिक, बंद हो चुकी टेलीकॉम कंपनी Aircel के फाउंडर सी. शिवशंकरन, उनके परिवार और उनके करीबी साथियों ने इस विला को खरीदने में दिलचस्पी दिखाई है। उन्होंने करीब 6.2 मिलियन डॉलर (₹55 करोड़) का ऑफर दिया है। हालांकि आधिकारिक तौर पर अभी सौदा पक्का नहीं हुआ है।

जब TOI ने शिवशंकरन से पूछा, तो उन्होंने कहा—
“मुझे नहीं पता आप किस बारे में बात कर रहे हैं।”
लेकिन सूत्र बताते हैं कि बातचीत काफी आगे तक बढ़ चुकी है।

रतन टाटा के लिए क्यों था खास यह विला?

यह विला सेशेल्स के सबसे बड़े द्वीप माहे में समुद्र के बिल्कुल किनारे स्थित है। सेशेल्स के कानून के मुताबिक सिर्फ नागरिक ही वहां प्रॉपर्टी खरीद सकते हैं, लेकिन रतन टाटा को उनके वैश्विक प्रभाव और परोपकारी छवि के कारण विशेष अनुमति दी गई थी।

सूत्र बताते हैं कि सेशेल्स के नागरिक बन चुके शिवशंकरन ने ही सालों पहले रतन टाटा को यह विला खरीदने में मदद की थी।

टाटा और सेशेल्स का पुराना रिश्ता

  • 1982 में सेशेल्स ने टाटा मोटर्स के सम्मान में एक डाक टिकट जारी किया था।
  • 2004 के बाद कुछ समय तक इंडियन होटल्स (ताज ग्रुप) ने सेशेल्स के डेनिस आइलैंड प्रॉपर्टी का मैनेजमेंट संभाला था।
    भले ही आज इन कंपनियों का वहां कोई बिजनेस न हो, लेकिन यह क्षेत्र टाटा समूह से एक भावनात्मक संबंध रखता है।

सी. शिवशंकरन और रतन टाटा—विश्वास और दोस्ती की गहरी कहानी

69 वर्षीय शिवशंकरन ने हाल ही में एक इंटरव्यू में रतन टाटा से अपने गहरे रिश्ते का जिक्र किया था।
उन्होंने बताया कि वह लगातार सात साल तक हर सुबह 7:15 बजे रतन टाटा से मुलाकात करने उनके मुंबई स्थित घर बख्तावर बिल्डिंग जाते थे।

एक किस्सा साझा करते हुए उन्होंने बताया
सिंगापुर से सेशेल्स की फ्लाइट में एक बार इंजन फेल होने की चेतावनी मिली। यात्री घबरा गए। शिवशंकरन ने अपने बेटे को अपना जीमेल पासवर्ड तक भेज दिया। लेकिन रतन टाटा शांत रहे और बोले
“पायलटों को उनका काम करने दो।”
यह उनकी अद्भुत शांति और साहस का उदाहरण है।

डील पर हाई कोर्ट की शर्तें — कमाई होगी बराबर बंटी

अगर यह प्रॉपर्टी बिकती है, तो इससे होने वाली कमाई रतन टाटा एंडोमेंट फाउंडेशन और रतन टाटा एंडोमेंट ट्रस्ट के बीच बराबर बांटी जाएगी।
यह फैसला बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपनी 16 जून 2025 की मंजूरी में दिया था।

डील में अड़चनें भी कम नहीं

प्रॉपर्टी की बुक वैल्यू (₹85 लाख) और ऑफर (₹55 करोड़) के बीच बड़ा अंतर है, जो बताता है कि खरीदार इसे हासिल करने के लिए अतिरिक्त कीमत देने को तैयार हैं।
परंतु सौदा इतना आसान नहीं है

  • शिवशंकरन सेशेल्स सुप्रीम कोर्ट में दिवालियापन कार्यवाही का सामना कर रहे हैं।
  • परिवार चाहता है कि खरीद से पहले प्रॉपर्टी पर कोई टैक्स बकाया या अधूरा निर्माण न हो

शिवशंकरन का कहना है—
“मैं गरीब नहीं हूं… मैं कंगाल हूं।”
एक समय उनकी नेटवर्थ 4 अरब डॉलर से अधिक आंकी जाती थी।
उन्होंने Sterling Computers, Dishnet DSL, और Fresh & Honest Coffee जैसे बड़े बिजनेस खड़े किए थे।

अभी सौदा पक्का नहीं, लेकिन चर्चा तेज

प्रॉपर्टी डील को लेकर बातचीत तो जारी है, लेकिन कानूनी उलझनों और दिवालियापन मामले के कारण अभी स्पष्ट नहीं है कि यह सौदा कब पूरा होगा।
हालांकि इतना तय है कि रतन टाटा का यह विला, उनकी उदारता और विरासत का एक अनूठा प्रतीक बना रहेगा।
अगर डील फाइनल होती है, तो यह भारत के कॉरपोरेट जगत के सबसे दिलचस्प रियल एस्टेट लेनदेन में से एक होगा।

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