
जौनपुर/गोंडा। SIR कार्य में तैनात बीएलओ विपिन यादव की आत्महत्या के बाद मामला तूल पकड़ता जा रहा है। परिजनों ने प्रशासनिक अधिकारियों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं। परिवार का दावा है कि विपिन पर मतदाता सूची से ओबीसी वोटरों के नाम काटने का दबाव बनाया जा रहा था। ऐसा न करने पर उन्हें सस्पेंड करने और पुलिस भेजकर घर से उठवा लेने तक की धमकी दी जा रही थी।
गोंडा में तैनात सहायक अध्यापक और BLO विपिन यादव मूल रूप से जौनपुर जिले के सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के मल्हनी गांव के निवासी थे। मंगलवार को उन्होंने आत्महत्या जैसा बड़ा कदम उठा लिया। देर रात जैसे ही उनका शव गांव पहुंचा, परिजनों की चीख-पुकार और मातम का माहौल फैल गया। गांव में सुबह से ही लोगों की भीड़ लगी रही और किसी को भी इस दुखद घटना पर विश्वास नहीं हो पा रहा था।
परिजनों का आरोप है कि SIR कार्य के दौरान विपिन पर लगातार अनावश्यक दबाव डाला जा रहा था। उनके साले प्रतीक यादव ने बताया कि घटना से एक दिन पहले ही बातचीत हुई थी, जिसमें विपिन ने बताया था कि प्रशासनिक अमला उन पर दबाव बना रहा है कि ओबीसी वोटरों के नाम मतदाता सूची से काट दिए जाएं, अन्यथा उन्हें सस्पेंड कर दिया जाएगा और पुलिस भेजकर उठवा लिया जाएगा। विपिन ने इस आदेश को मानने से साफ इनकार कर दिया था, जिसके बाद मानसिक दबाव बढ़ता चला गया।
विपिन के पिता सुरेश यादव ने भी बताया कि बेटे ने फोन पर काम के अत्यधिक दबाव की बात कही थी। उन्होंने उसे समझाने की कोशिश की थी, लेकिन अगले ही दिन यह दर्दनाक खबर आ गई।
घटनास्थल पर राजनीति भी तेज हो गई है। बुधवार सुबह कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय सांत्वना देने गांव पहुंचे। उन्होंने परिजनों से मुलाकात की और आरोप लगाया कि “SIR के नाम पर बीएलओ को प्रताड़ित किया जा रहा है।” उन्होंने मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की।
विपिन की मौत के बाद प्रशासनिक दबाव, मतदाता सूची में हेरफेर के आरोप और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। स्थानीय लोगों और परिजनों की मांग है कि जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई हो और पूरे मामले की उच्चस्तरीय जांच कराई जाए।