
चंडीगढ़/रोहतक, 26 नवंबर।
खिलाड़ियों की भूमि कहलाने वाले हरियाणा में 16 वर्षीय नेशनल बास्केटबॉल खिलाड़ी हार्दिक राठी की दर्दनाक मौत ने खेल सुविधाओं की बदहाल स्थिति और प्रशासनिक लापरवाही को बेनकाब कर दिया है। रोहतक के लखनमाजरा स्थित स्टेडियम में प्रैक्टिस के दौरान जंग लगा बास्केटबॉल पोल गिरने से हार्दिक की मौत हो गई। घटना के बाद खेल जगत और आम लोगों में भारी आक्रोश है। अब यह सवाल उठ रहा है कि जब सांसद निधि से 18.5 लाख रुपये जारी किए जा चुके थे, तो मरम्मत क्यों नहीं कराई गई?
हादसा कैसे हुआ?
मंगलवार को हार्दिक डंक की प्रैक्टिस कर रहा था। जैसे ही वह पोल से लटका, जंग लगा लोहे का पूरा स्ट्रक्चर धड़ाम से गिर पड़ा और रिम सीधा उसकी छाती में जा लगा। दोस्तों ने उसे गंभीर हालत में अस्पताल पहुंचाया, लेकिन इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है।
सांसद दीपेंद्र हुड्डा का बड़ा आरोप
कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा ने राज्य सरकार पर गंभीर आरोप लगाए। उनका दावा है—
- मैंने सांसद निधि से 18 लाख रुपये जारी किए
- सरकार ने मरम्मत नहीं कराई
- 11 साल से किसी स्टेडियम पर कोई ग्रांट नहीं दी
- खेल सुविधाओं का रखरखाव पूरी तरह ठप
हुड्डा ने कहा, “हमने एक होनहार खिलाड़ी को खो दिया। यह लापरवाही नहीं, अपराध है। सरकार युवाओं को खेलों में आगे बढ़ने ही नहीं देना चाहती।”
कार्रवाई में सरकार
हादसे के बाद सरकार ने जिला खेल अधिकारी को सस्पेंड कर दिया है। प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि पोल पूरी तरह जंग खाया हुआ था और लंबे समय से उसकी मरम्मत नहीं की गई थी।
स्थानीय लोगों का भी कहना है कि स्टेडियम की मेंटेनेंस वर्षों से रुकी हुई थी, जबकि फंड पहले ही जारी कर दिया गया था।
परिवार का रोना–धोना
हार्दिक के पिता संदीप राठी सरकारी कर्मचारी हैं। परिवार के मुताबिक—
- हार्दिक 10वीं में पढ़ता था
- हाल ही में ट्रेनिंग कैंप से लौटा था
- कई नेशनल चैंपियनशिप में मेडल जीत चुका था
हार्दिक ने हिमाचल, हैदराबाद और पुडुचेरी में आयोजित राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में देश और राज्य का नाम रोशन किया था।
जिम्मेदार कौन?
घटना के बाद सबसे बड़ा सवाल यही है—
जब सांसद फंड उपलब्ध था तो स्टेडियम की मरम्मत क्यों नहीं हुई?
क्या जिम्मेदारी जिला खेल विभाग की है?
क्या प्रशासन ने लापरवाही की?
या सरकार स्तर पर फंड उपयोग रोक दिया गया?
सीएम नायब सैनी का बयान
हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने कहा कि उन्हें घटना की जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा—
“मैं पूरी जानकारी इकट्ठा कर रहा हूं। समीक्षा के बाद ही कोई टिप्पणी करूंगा।”
इस हादसे ने हरियाणा की खेल सुविधाओं की वास्तविक स्थिति पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। अब सभी की नजरें जांच और जिम्मेदार तय करने की कार्रवाई पर टिकी हैं, ताकि भविष्य में किसी अन्य खिलाड़ी को ऐसी लापरवाही की कीमत अपनी जान देकर न चुकानी पड़े।