
मुसाबनी (झारखंड): झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सोमवार को घाटशिला विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत मुसाबनी में एक जनसभा को संबोधित करते हुए विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ऐसे नेताओं से सावधान रहें जो अपने राजनीतिक स्वार्थ के लिए जनता से वोट मांगने आते हैं। मुख्यमंत्री का इशारा झामुमो छोड़कर भाजपा में शामिल हुए पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन की ओर था।
हेमंत सोरेन ने कहा, “कई लोग जो पहले हमारे बीच थे, अब अपने निजी फायदे के लिए आपके पास आएंगे। लेकिन यह उपचुनाव आदिवासियों, मूलवासियों और आम जनता के अधिकारों की रक्षा के लिए है, न कि स्वार्थी लोगों के लिए।” उन्होंने अपना अधिकांश भाषण संथाली भाषा में दिया, जिससे स्थानीय लोगों से भावनात्मक जुड़ाव दिखाई दिया।
यह उपचुनाव झामुमो विधायक और राज्य के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन के निधन के बाद आवश्यक हुआ है। झामुमो ने इस बार उनके बेटे सोमेश चंद्र सोरेन को उम्मीदवार बनाया है, जबकि भाजपा ने चंपई सोरेन के बेटे बाबूलाल सोरेन को मैदान में उतारा है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहा कि विपक्षी दल जनता को भ्रमित करने के लिए बड़े-बड़े वादे कर रहे हैं, लेकिन झारखंड में केवल झामुमो की सरकार ने ही जनकल्याणकारी योजनाएं लागू कर जनता के जीवन में बदलाव लाया है।
उन्होंने परोक्ष रूप से झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा पर भी कटाक्ष करते हुए कहा कि “कुछ लोग सवाल उठा रहे हैं कि सोमेश चंद्र सोरेन को उनके पिता की मृत्यु के बाद मंत्री क्यों नहीं बनाया गया। मैं यह स्पष्ट करना चाहता हूं कि मुझे भलीभांति पता है कि कब, किसे और क्यों मंत्री बनाना है। सोमेश हमारे भविष्य के नेता हैं, जिन्हें हम अगली पीढ़ी का नेतृत्व संभालने के लिए तैयार कर रहे हैं।”
मुख्यमंत्री के इस बयान से यह स्पष्ट संदेश गया कि घाटशिला उपचुनाव केवल सत्ता की राजनीति नहीं, बल्कि झारखंड की आदिवासी पहचान और राजनीतिक विरासत की रक्षा की लड़ाई भी है।