Monday, December 1

नए लेबर कोड लागू: सैलरी में कमी, रिटायरमेंट फंड में बड़ा फायदा

नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने कर्मचारियों के हित में चार नए लेबर कोड लागू कर दिए हैं। नए नियमों के तहत अब बेसिक सैलरी कुल सैलरी का कम से कम 50% होना अनिवार्य है। इसका सीधा असर कर्मचारियों की सैलरी स्ट्रक्चर और भविष्य की बचत पर पड़ेगा।

हाथ में कम, भविष्य में ज्यादा
पहले बेसिक सैलरी कुल सीटीसी का लगभग 35% हुआ करती थी। इससे बाकी पैसा टैक्स-फ्री अलाउंस में जाता था और पीएफ (Provident Fund) व एनपीएस (National Pension Scheme) में कटौती कम होती थी। अब नए नियमों के अनुसार बेसिक सैलरी बढ़ने से पीएफ और एनपीएस में योगदान भी बढ़ जाएगा। इसका मतलब है कि कर्मचारियों को हर महीने हाथ में थोड़ा कम पैसा मिलेगा, लेकिन रिटायरमेंट पर उनकी बचत बढ़ जाएगी।

कैसे होगा बदलाव?
टैक्सबडी के फाउंडर सुजीत बांगर के अनुसार, उदाहरण के लिए, एक 30 वर्षीय कर्मचारी जिसकी CTC 12 लाख रुपये है:

  • पीएफ योगदान: पहले 7,200 रुपये/माह → अब 12,000 रुपये/माह
  • एनपीएस योगदान: पहले 4,200 रुपये/माह → अब 7,000 रुपये/माह

इस बदलाव से हाथ में हर महीने सैलरी 7,600 रुपये कम मिलेगी, जो सीधे पीएफ और एनपीएस में जाएगी।

लंबी अवधि में बड़ा फायदा
अगर यह रकम 30 साल तक जमा होती रहे, तो:

  • पीएफ में अतिरिक्त 1.24 करोड़ रुपये
  • एनपीएस में अतिरिक्त 1.07 करोड़ रुपये

कुल मिलाकर, रिटायरमेंट पर कर्मचारी को 2.31 करोड़ रुपये का अतिरिक्त फायदा होगा।

निष्कर्ष:
नए लेबर कोड से तत्काल हाथ में पैसा कम होगा, लेकिन दीर्घकालीन सुरक्षा और रिटायरमेंट फंड में जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। यह बदलाव कर्मचारियों को भविष्य में वित्तीय रूप से मजबूत बनाएगा।

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