
लखनऊ, 19 नवंबर 2025: बिहार चुनाव ने विपक्षी दलों को कड़ा सबक दिया है। इसी को ध्यान में रखते हुए उत्तर प्रदेश की राजनीति में समाजवादी पार्टी (सपा) अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बड़ा कदम उठाया है। उन्होंने अपने मीडिया पैनलिस्टों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती के खिलाफ कोई निजी हमला न किया जाए।
पिछले कुछ समय में सपा द्वारा बसपा को निशाने पर रखा जाता रहा है और इसे भाजपा की ‘बी टीम’ के रूप में प्रचारित किया जाता रहा। लेकिन हालिया चुनाव परिणाम बताते हैं कि इस रणनीति का असर उल्टा पड़ा। विशेषज्ञों का मानना है कि मायावती पर हमले से दलित वोट बैंक में सेंध लगने की संभावना कम हुई, जबकि विपक्षी हार का जिम्मेदार ठहराया गया।
वरिष्ठ पत्रकार सैयद कासिम के अनुसार, “सपा अध्यक्ष ने अपने प्रवक्ताओं को साफ निर्देश दिया है कि मायावती पर हमले से बचें। बिहार चुनाव के बाद यह रणनीति बदलाव का नतीजा है। यूपी चुनाव 2027 में दलित वोट बैंक को मजबूत बनाए रखना सपा के लिए सर्वोपरि है।”
बी टीम के हमले का उलटा असर:
बिहार चुनाव में विपक्षी महागठबंधन ने अन्य भाजपा विरोधी दलों को ‘बी टीम’ कहकर प्रचारित किया, लेकिन असल परिणाम इसके विपरीत रहे। एआईएमआईएम ने 5 और बसपा ने 1 सीट जीतकर यह साबित किया कि भाजपा विरोधी अन्य दल महागठबंधन की अपेक्षा बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। यह अनुभव सपा के लिए सबक बन गया है कि निजी हमलों का असर उनके दलित वोट बैंक पर नकारात्मक पड़ सकता है।
समीकरण साधने की कोशिश:
यूपी विधानसभा चुनाव से पहले सपा मुख्य विपक्षी दलों के साथ समीकरण साधने में जुटी हुई है। लोकसभा चुनाव में पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक वोट (पीडीए पॉलिटिक्स) भाजपा के खिलाफ निर्णायक साबित हुआ था। अब सपा यह सुनिश्चित करना चाहती है कि मायावती के समर्थक दलित वोट सपा के खिलाफ न जाएं।
रणनीति बदलाव का कारण:
सैयद कासिम कहते हैं, “देश के किसी भी प्रदेश में मायावती पर निजी हमला करने का मतलब होगा कि दलित वर्ग इसे खुद पर हमला समझेगा। यूपी में अगर मायावती मजबूत रूप से चुनाव मैदान में उतरती हैं तो उनका संदेश उनके समर्थकों तक जाएगा। इसलिए सपा ने अपनी रणनीति में बदलाव कर अब उन्हें निशाना बनाने से परहेज करने का निर्णय लिया है।”
इस रणनीति परिवर्तन के साथ, सपा यूपी में अपने लिए दलित वोट बैंक को सुरक्षित रखना और योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व वाली सरकार को चुनौती देने की योजना को मजबूत करने की कोशिश कर रही है।