
नई दिल्ली: पाकिस्तान ने अपना एयरस्पेस भारतीय विमानों के लिए बंद कर रखा है, जिससे भारतीय एयरलाइन कंपनियों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है। खासतौर पर एयर इंडिया की अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लंबा रूट लेने के कारण समय और ईंधन की लागत में वृद्धि हुई है। कई उड़ानों का समय तीन घंटे तक बढ़ गया है।
टाटा समूह की एयरलाइन एयर इंडिया अब भारत सरकार से चीन के शिनजियांग इलाके के ऊपर से उड़ान भरने की अनुमति मांग रही है। कंपनी के दस्तावेज़ के अनुसार, इससे उड़ानों का समय कम होगा और अमेरिका, कनाडा और यूरोप की यात्रा सुगम बनेगी। एयर इंडिया ने चीन से शिनजियांग के होटन, काशगर और उरुमकी हवाई अड्डों पर आपातकालीन लैंडिंग की सुविधा भी देने की मांग की है।
बढ़ती लागत और नुकसान
पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद होने से एयर इंडिया की फ्यूल लागत 29% तक बढ़ गई है। लंबे रूट और समय वृद्धि के कारण कंपनी को सालाना लगभग 455 मिलियन डॉलर का नुकसान होने का अनुमान है। फाइनेंशियल ईयर 2024-25 में कंपनी का अनुमानित घाटा 439 मिलियन डॉलर था।
भारत-चीन एयर ब्रिज
भारत और चीन के बीच पांच साल के अंतराल के बाद हाल ही में डायरेक्ट फ्लाइटें शुरू हुई हैं। जून 2020 में सीमा पर हुई झड़प के बाद दोनों देशों के बीच सीधी उड़ानें बंद हो गई थीं। एयर इंडिया अपनी खोई प्रतिष्ठा और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों का नेटवर्क फिर से बनाने की कोशिश कर रही है।
प्रशासनिक कदम
एयर इंडिया ने अक्टूबर के अंत में भारत सरकार को दस्तावेज सौंपा था, जिसमें इस वैकल्पिक मार्ग की अनुमति देने की मांग की गई थी। भारत सरकार इस पर विचार कर रही है, जबकि चीन के विदेश मंत्रालय ने अभी तक इस मामले में कोई टिप्पणी नहीं की है।
विश्लेषकों का कहना है कि पाकिस्तान के एयरस्पेस बंद होने से भारतीय अंतरराष्ट्रीय उड़ानों को लंबा रूट लेना पड़ रहा है, जिससे न केवल समय की हानि हो रही है बल्कि ईंधन लागत में भी भारी बढ़ोतरी हुई है।