
हजारों किसानों की रैली से पहले मोहन यादव सरकार ने बदला निर्णय; कुंभ टाउनशिप अब अस्थायी रूप से बनेगी
उज्जैन: मध्य प्रदेश में सिंहस्थ 2028 के लिए प्रस्तावित लैंड पूलिंग योजना को सरकार ने अचानक रद्द कर दिया है। यह अहम फैसला उस समय लिया गया जब हजारों किसान विरोध प्रदर्शन के लिए उज्जैन पहुंचने वाले थे और इंटेलिजेंस की ताज़ा रिपोर्ट ने प्रशासन को अलर्ट कर दिया था। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने किसान संघ के प्रतिनिधियों, भाजपा पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ हुई बैठक के बाद योजना निरस्त करने की घोषणा की।
17 गांवों की 2,378 हेक्टेयर जमीन को लेकर भड़का था किसानों का गुस्सा
प्रस्तावित योजना के तहत 17 गांवों के लगभग 1,800 किसानों की 2,378 हेक्टेयर जमीन स्थायी रूप से अधिग्रहित की जानी थी। किसान इस बात से नाराज थे कि परंपरा के अनुसार कुंभ के दौरान अस्थायी उपयोग के लिए दी जाने वाली जमीन को इस बार स्थायी रूप से अधिग्रहित करने की कोशिश की जा रही थी।
किसानों ने स्पष्ट कहा था कि—
“परंपरा के मुताबिक जमीन कुंभ के बाद लौटाई जाती है, स्थायी अधिग्रहण मंज़ूर नहीं।”
फैसले के बाद किसानों में जश्न, ढोल-नगाड़ों के साथ मनाई खुशी
जैसे ही लैंड पूलिंग निरस्त करने की खबर फैली, उज्जैन सहित अलीराजपुर, झाबुआ और पश्चिमी मध्यप्रदेश के कई इलाकों से जुटे किसानों ने खुशी में ढोल-नगाड़े बजाए और मिठाइयाँ बाँटी। विरोध प्रदर्शन के लिए तैयार भीड़ में राहत की लहर दौड़ गई।
केंद्र से मिली हरी झंडी, फिर भोपाल में देर रात बैठक
जानकारी के मुताबिक, केंद्र सरकार की सलाह के बाद भारतीय किसान संघ का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलने भोपाल बुलाया गया। सीएम हाउस में देर रात हुई बैठक में—
- किसान संघ प्रतिनिधि
- भाजपा पदाधिकारी
- उज्जैन के जनप्रतिनिधि
- जिला प्रशासन के अधिकारी
— उपस्थित थे। बैठक के तुरंत बाद सीएम ने नगरीय प्रशासन विभाग व जिला प्रशासन को आदेश निरस्त करने के निर्देश दिए।
इंटेलिजेंस की रिपोर्ट बनी गेम-चेंजर, सरकार को बदलना पड़ा निर्णय
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, सरकार के पास लगातार ऐसी इंटेलिजेंस रिपोर्ट आ रही थीं जिनमें चेतावनी दी गई थी कि प्रस्तावित लैंड पूलिंग योजना के खिलाफ हजारों किसानों का विशाल जमावड़ा उज्जैन में बड़ा प्रशासनिक संकट पैदा कर सकता है।
अव्यवस्था फैलने की आशंका के चलते सरकार ने प्रदर्शन से पहले ही फैसला वापस ले लिया।
योजना निरस्त होने के बाद 18 नवंबर को होने वाली विशाल रैली स्थगित कर दी गई है। अब किसान प्रतीकात्मक रैली निकालेंगे।