
इस्लामाबाद: पाकिस्तान ने अपने संविधान में किए गए 27वें संशोधन के जरिए सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर को देश की रक्षा व्यवस्था का सबसे शक्तिशाली अधिकारी बना दिया है। संशोधन के बाद मुनीर को चीफ ऑफ डिफेंस फोर्सेज (CDF) नियुक्त किया गया है और ज्वाइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ कमेटी (CJCSC) का पद पूरी तरह समाप्त कर दिया गया है। इसका मतलब यह है कि अब तीनों सेनाओं, रक्षा योजनाओं, सामरिक कमांड और यहां तक कि परमाणु हथियारों का नियंत्रण सीधे एक ही व्यक्ति के हाथ में आ गया है।
यह बड़ा बदलाव पाकिस्तान द्वारा मई 2025 में भारत के साथ हुए चार दिवसीय संघर्ष में मिली पराजय के बाद किया गया है। भारत के तेज और सटीक हमलों का जवाब देने में नाकाम रहे पाकिस्तान ने अब अपनी सैन्य संरचना को केंद्रीकृत करने का फैसला लिया है।
परमाणु कमांड सेंटर भी मुनीर के हाथों में
नए संशोधन का सबसे गंभीर प्रभाव पाकिस्तान की परमाणु संरचना पर पड़ा है।
- पहले ‘न्यूक्लियर मैनेजर’ का नियंत्रण CJCSC के पास था,
- अब यह अधिकार सीधे CDF यानी असीम मुनीर को मिल गया है।
नेशनल स्ट्रैटेजिक कमांड (NSC) की स्थापना के बाद परमाणु फैसलों और मिसाइल संचालन की पूरी जिम्मेदारी अब मुनीर के हाथों आ चुकी है। यही NSC अब नई बनाई गई आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड (ARFC) के संचालन को भी देखेगा।
भारत की चर्चा: लंबी दूरी की मिसाइलें दागने की तैयारी?
मई 2025 के संघर्ष के तुरंत बाद पाकिस्तान ने रॉकेट फोर्स का गठन किया था। इस फोर्स का उद्देश्य
- लंबी दूरी की मिसाइलों को बेहद कम समय में लॉन्च करना,
- भारत के खिलाफ पारंपरिक मिसाइलों का इस्तेमाल बढ़ाना,
- और परमाणु हथियारों पर निर्भरता घटाना बताया गया है।
विशेषज्ञों का मानना है कि पाकिस्तान ईरान की तरह ऐसी मिसाइल प्रणाली चाहता है जो युद्ध की स्थिति में बिना परमाणु हथियारों के मजबूत प्रतिक्रिया दे सके।
दोहरी कमान: परमाणु और मिसाइल शक्ति दोनों पर असीम मुनीर का नियंत्रण
संविधान संशोधन ने पाकिस्तान के सैन्य ढांचे को पूरी तरह बदल दिया है।
- पहले CJCSC, SPD और तीनों सेनाओं के रणनीतिक कमांड के बीच समन्वय की कमी रहती थी।
- अब फैसले एक ही अधिकारी यानी CDF (असीम मुनीर) द्वारा लिए जाएंगे।
यह कदम पाकिस्तान के फैसले लेने की गति को युद्धकाल में बेहद तेज कर देगा।
आने वाले वर्षों में बड़े निवेश की तैयारी
नई भूमिका के साथ पाकिस्तान आने वाले समय में—
- लंबी दूरी की मिसाइलों,
- रॉकेट फोर्स,
- और हवाई शक्ति
में बड़े निवेश की योजना बना रहा है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह बदलाव स्पष्ट संकेत है कि पाकिस्तान भारत के साथ किसी संभावित संघर्ष में पहले हमले की क्षमता, तेज प्रतिक्रिया और लंबी दूरी की मिसाइलों के बड़े भंडार को तैयार कर रहा है।