Saturday, November 15

बिहार चुनाव 2025: ‘चमत्कार’ से 90 पार, BJP बनी सबसे बड़ी पार्टी, लालू-माले का किला ध्वस्त

पटना, 15 नवम्बर 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए राज्य की सबसे बड़ी पार्टी बनने का गौरव प्राप्त किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तीसरी बार कोशिश के साथ भाजपा ने बिहार में अपना किला सफलतापूर्वक फतह कर लिया। अब बिहार की राजनीति में नरेंद्र मोदी भी एक अहम चुनावी चेहरा बन चुके हैं और भाजपा अकेले बहुमत के आंकड़े से महज 30-32 सीटों की दूरी पर है।

90 सीटों के पार, BJP का अभूतपूर्व प्रदर्शन

बिहार में भाजपा ने अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। 2010 में भाजपा ने 91 सीटें जीती थीं, लेकिन तब वह दूसरे नंबर पर थी। इस बार, भाजपा न केवल 91 सीटों के पार पहुंची है, बल्कि वह बिहार की सबसे बड़ी पार्टी बन गई है। भाजपा ने इस ऐतिहासिक जीत के लिए कई बड़े किलों को ध्वस्त किया, खासकर लालू यादव के गढ़ों को। इसके साथ ही भाजपा ने कुशल चुनाव प्रबंधन और शानदार रणनीति के जरिए तमाम चुनौतियों को पार किया और जीत दर्ज की।

रामकृपाल यादव ने तोड़ा लालू का करिश्मा

भा.ज.पा. की सबसे बड़ी जीत दानापुर सीट पर हुई, जहां पार्टी के रामकृपाल यादव ने राजद के बाहुबली नेता रीतलाल यादव को हराया। यह जीत खासतौर पर महत्वपूर्ण थी क्योंकि दानापुर यादव बहुल क्षेत्र है, जहां लालू यादव का करिश्मा चलता था। बावजूद इसके, रामकृपाल यादव ने राजद के वोटबैंक को तोड़ते हुए यह सीट भाजपा के खाते में डाली। यहां तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने रामकृपाल यादव के लिए चुनाव प्रचार किया था।

मंगल पांडेय और सम्राट चौधरी की जीत ने किया भाजपा का साख बचाना

चुनाव से ठीक पहले भाजपा के दो बड़े नेताओं, मंगल पांडेय और सम्राट चौधरी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे थे, जिनसे भाजपा की साख पर संकट खड़ा हो गया था। लेकिन इन दोनों नेताओं ने चुनावी मैदान में जीत हासिल कर न केवल अपनी साख बचाई, बल्कि भाजपा को भी विजयी साबित किया। मंगल पांडेय ने सीवान में राजद के कद्दावर नेता अवध बिहारी चौधरी को हराया, जबकि सम्राट चौधरी ने तारापुर में शानदार जीत दर्ज की।

भाकपा माले का किला ध्वस्त

भा.ज.पा. ने बिहार में अपने सबसे बड़े राजनीतिक प्रतिद्वंदी भाकपा माले का गढ़ भी ध्वस्त किया। अरवल सीट पर भाजपा के मनोज शर्मा ने माले के उम्मीदवार महानंद सिंह को हराया। यह माले के लिए बहुत बड़ी हार थी, क्योंकि अरवल माले का गढ़ रहा है। भाजपा को अति पिछड़ी जातियों और महिलाओं का मजबूत समर्थन मिला, जिसने माले को हराने में अहम भूमिका निभाई।

दूसरे दलों से सीटें छीनीं

भा.ज.पा. ने अन्य दलों से भी कई महत्वपूर्ण सीटें छीन लीं। बक्सर में भाजपा के आनंद मिश्रा ने कांग्रेस से यह सीट छीनकर भाजपा के खाते में डाली। भागलपुर में भाजपा के युवा नेता रोहित पांडेय ने कांग्रेस के अजीत शर्मा को हराया। इसी तरह छपरा में भाजपा की छोटी कुमारी ने भोजपुरी फिल्म अभिनेता खेसारी लाल यादव को हराकर एक बड़ा उलटफेर किया।

एनडीए की कमजोर कड़ी पर शानदार जीत

इस बार भाजपा ने उन सीटों पर भी जीत दर्ज की है, जो पहले एनडीए की कमजोर कड़ी मानी जाती थीं। भोजपुर, रोहतास, बक्सर और कैमूर जैसे जिलों में भाजपा ने बेहतरीन प्रदर्शन किया। भोजपुर जिले की सात में से सभी सीटों पर एनडीए आगे है, जबकि रोहतास में छह सीटों में से पांच पर एनडीए ने बढ़त बनाई है। इस तरह एनडीए ने इन इलाकों में ऐतिहासिक जीत दर्ज की।

नतीजों के बाद नए समीकरण

बिहार चुनाव 2025 के परिणामों ने राज्य की राजनीति में नए समीकरण की ओर इशारा किया है। भाजपा न केवल एक ताकतवर विपक्षी के रूप में उभरी है, बल्कि नरेंद्र मोदी भी अब बिहार में एक बड़ा चुनावी चेहरा बन गए हैं। भाजपा ने अपने कुशल चुनावी रणनीति और मजबूत प्रचार से यह साबित किया कि वह अब बिहार में अपनी स्थिति मजबूत कर चुकी है।

BJP के इस रिकॉर्ड तोड़ प्रदर्शन ने राज्य की राजनीतिक परिपाटी को बदल दिया है और आगामी दिनों में यह बदलाव और गहरा हो सकता है।

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