Wednesday, December 10

उज्जैन में वक्फ बोर्ड के चेयरमैन और डायरेक्टर को सिर कलम करने की धमकी, पुलिस ने दर्ज किया मामला

उज्जैन, 15 नवम्बर 2025: मध्य प्रदेश के उज्जैन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पथ संचलन का स्वागत करने पर वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सनवर पटेल और डायरेक्टर फैजान खान को सोशल मीडिया पर सिर कलम करने की धमकी दी गई है। यह धमकी मिलने के बाद पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दो युवकों के खिलाफ मामला दर्ज किया और उनकी तलाश शुरू कर दी है।

This slideshow requires JavaScript.

क्या है पूरा मामला?

5 अक्टूबर को उज्जैन में आरएसएस द्वारा स्थापना दिवस के मौके पर पथ संचलन निकाला गया था, जिसका स्वागत वक्फ बोर्ड के चेयरमैन सनवर पटेल और डायरेक्टर फैजान खान ने मंच से किया था। इस कार्यक्रम का वीडियो और फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो गए। इसके बाद दो युवकों ने सोशल मीडिया पर भद्दे और धमकी भरे कमेंट किए। इन युवकों ने दोनों नेताओं को जान से मारने की धमकी दी और यह भी लिखा कि “कल मुस्लिम मेजोरिटी आएगी और सबसे पहले तुम्हारी गर्दन उड़ाई जाएगी।”

धमकी देने वाले युवकों के खिलाफ कार्रवाई

फैजान खान और सनवर पटेल को धमकी मिलने के बाद, फैजान खान ने 11 अक्टूबर को महाकाल थाने में इस मामले की शिकायत दी थी। उन्होंने ताज अंसारी और मो फैजल खान के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी। पुलिस ने एक महीने तक जांच की और 9 नवंबर को दोनों के खिलाफ बीएनएस (भारतीय दंड संहिता) की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया।

फैजान खान का बयान

फैजान खान ने इस मामले पर कहा कि, “हमने उज्जैन में सामाजिक सद्भाव बनाए रखने के लिए मंच से पथ संचलन का स्वागत किया था। जब से इसका वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया है, तब से कुछ कट्टरपंथी लगातार हमें डरा-धमका रहे हैं। हमे जान का खतरा है और सोशल मीडिया पर हमारे खिलाफ भद्दे कमेंट किए जा रहे हैं। इन धमकियों से हमारे मान-सम्मान को ठेस पहुंच रही है।”

पुलिस की कार्रवाई और संवेदनशीलता

इस मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने अपनी जांच तेज कर दी है। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया पर की गई धमकियों को लेकर जांच जारी है और आरोपी जल्द ही गिरफ्तार किए जाएंगे। पुलिस प्रशासन ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे ऐसे भड़काऊ और नफरत फैलाने वाले पोस्टों से बचें, ताकि शहर में सामाजिक शांति बनी रहे।

उज्जैन में इस घटनाक्रम के बाद सामाजिक और धार्मिक सद्भाव बनाए रखने की आवश्यकता और अधिक महत्वपूर्ण हो गई है, ताकि किसी भी तरह की सांप्रदायिक भावना को भड़कने का मौका न मिले।

Leave a Reply