Saturday, November 15

प्रतिबंधित Swiss App ने दिल्ली और श्रीनगर को दहलाया? जांच एजेंसियों को मिला बड़ा सुराग, आतंकियों के डिजिटल कनेक्शन की पड़ताल शुरू

नई दिल्ली: दिल्ली और श्रीनगर में चार दिनों के भीतर हुए दो बड़े धमाकों ने पूरे देश को दहला दिया है। जांच एजेंसियों को अब इस बात के पुख्ता सुराग मिले हैं कि दोनों धमाकों के पीछे फरीदाबाद के आतंकी मॉड्यूल का हाथ है। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि इस आतंकी साजिश का डिजिटल कनेक्शन एक प्रतिबंधित स्विस मैसेजिंग ऐप से जुड़ा हुआ है, जिसका इस्तेमाल आतंकियों ने आपसी संवाद और साजिश को अंजाम देने के लिए किया था।

जैश-ए-मोहम्मद मॉड्यूल के निशाने पर था भारत

सूत्रों के मुताबिक, इन धमाकों के पीछे पाकिस्तानी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का हाथ है। इस संगठन के निर्देश पर काम कर रहे तीन प्रमुख संदिग्ध—डॉ. उमर उन नबी, डॉ. मुजम्मिल अहमद गनी और डॉ. शाहीन सईद—ने स्विस ऐप के जरिए एन्क्रिप्टेड चैटिंग के माध्यम से अपनी योजना को अंजाम दिया।

डॉ. उमर वही फिदायीन हमलावर है, जिसने लाल किले के पास आई20 कार में विस्फोट कर खुद को उड़ा लिया था।

प्रतिबंधित Swiss App से हुई साजिश की बातचीत

जांच में पता चला है कि संदिग्धों ने उस ऐप का इस्तेमाल किया जो भारत सरकार द्वारा वर्ष 2023 में बैन किया गया था। यह ऐप स्विट्जरलैंड की एक टेक कंपनी का है, जो एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन के लिए मशहूर है। माना जा रहा है कि आतंकियों ने VPN (Virtual Private Network) का उपयोग करके अपनी लोकेशन छिपाई और भारत में प्रतिबंधित इस ऐप को चलाया।

एनआईए (NIA) ने अब स्विस कंपनी से संपर्क साधने की तैयारी की है, ताकि उस ऐप के सर्वर से चैट डेटा और मेटाडेटा हासिल किया जा सके। इससे तीनों आतंकियों के बीच हुई बातचीत और धमाकों की साजिश के और सुराग मिलने की उम्मीद है।

कैसे जुटाई गई विस्फोटक सामग्री

पुलिस की जांच के मुताबिक, आतंकियों ने अपने मंसूबों को पूरा करने के लिए 26 लाख रुपये जुटाए, जिनमें से 3 लाख रुपये में उन्होंने गुरुग्राम, नूंह और आसपास के इलाकों से करीब 26 क्विंटल नाइट्रोजन, फॉस्फोरस और पोटेशियम जैसे फर्टिलाइजर खरीदे। इन्हें इंप्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइस (IED) में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक पदार्थों से मिलाकर विस्फोटक तैयार किया गया।

रिपोर्ट्स के अनुसार, इस रकम के बंटवारे को लेकर डॉ. उमर और डॉ. मुजम्मिल के बीच विवाद भी हुआ था।

चार दिन में दो धमाके, एक ही मॉड्यूल का हाथ

दिल्ली में हुए धमाके के लिए उमर की कार में रखा विस्फोटक बैग जिम्मेदार माना जा रहा है। जांच से यह भी खुलासा हुआ कि यह विस्फोटक फरीदाबाद मॉड्यूल से बरामद 350 किलो अमोनियम नाइट्रेट के जखीरे का हिस्सा था।

वहीं, श्रीनगर के नौगाम थाने में हुआ धमाका भी इसी स्टॉक से जुड़ा बताया जा रहा है। यह वही विस्फोटक था जो जम्मू-कश्मीर पुलिस जांच के लिए फरीदाबाद से लेकर गई थी। श्रीनगर धमाके में 9 लोगों की मौत हुई है, जबकि दिल्ली में मरने वालों की संख्या 13 तक पहुंच गई है।

थाने को क्यों बनाया गया निशाना

एजेंसियों को शक है कि नौगाम थाने को इसलिए टारगेट किया गया ताकि उन पुलिसकर्मियों से बदला लिया जा सके, जो इस आतंकी मॉड्यूल की जांच में सक्रिय रूप से शामिल थे।


अब एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो और साइबर सेल की संयुक्त टीम इस स्विस ऐप कनेक्शन की गहराई से जांच कर रही है। इस डिजिटल नेटवर्क के खुलासे से देशभर में फैले आतंकवादी मॉड्यूल का बड़ा जाल सामने आने की संभावना है।

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