
हाजीपुर: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में राघोपुर सीट से सबसे बड़ा उलटफेर देखने को मिला। महागठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार तेजस्वी यादव को बीजेपी के सतीश सिंह ने चुनावी मुकाबले में पछाड़ दिया। रातों-रात चर्चा में आए सतीश सिंह ने साबित कर दिया कि राजनीति में व्यक्तिगत पकड़ और स्थानीय मुद्दों की समझ बड़े नामों पर भारी पड़ सकती है।
सतीश सिंह कौन हैं?
- राघोपुर दियारा क्षेत्र के श्यामचंद रामपुर गांव के निवासी
- 2010 में राघोपुर से राबड़ी देवी के खिलाफ चुनाव लड़े और उन्हें 13,006 वोटों से हराया
- 2010 में जेडीयू के टिकट पर चुनाव लड़े
- पोस्ट ग्रेजुएट और 1.5 करोड़ की संपत्ति के मालिक
- स्थानीय स्तर पर शांत, जमीनी नेता के रूप में पहचाने जाते हैं
चुनावी रणनीति ने दिलाई जीत
सतीश सिंह की इस बड़ी जीत के पीछे उनकी सटीक चुनावी रणनीति को मुख्य कारण माना जा रहा है। उन्होंने तेजस्वी यादव के बड़े राजनीतिक चेहरे पर ध्यान न देकर, स्थानीय मुद्दों और मतदाता समीकरण पर फोकस किया। बीजेपी ने उनके माध्यम से क्षेत्र के सामाजिक समीकरणों को सफलतापूर्वक साधा, जिससे ऐतिहासिक बढ़त हासिल हुई।
तेजस्वी यादव के राजनीतिक भविष्य पर असर
सतीश सिंह की इस बढ़त ने महागठबंधन के लिए झटका दिया है। राघोपुर में पिछड़ने के बाद तेजस्वी यादव को अपनी पार्टी के लिए नई रणनीति बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है। यह परिणाम बिहार की राजनीति में एक बड़े बदलाव का संकेत भी माना जा रहा है।
राघोपुर की इस सीट ने साबित कर दिया कि लोकप्रिय नामों से अधिक, जनता की सोच और स्थानीय मुद्दों की समझ चुनाव में निर्णायक भूमिका निभाती है।