
बारां (NBT NEWS DESK)। राजस्थान की अंता विधानसभा सीट पर शुक्रवार, 14 नवंबर को हुए उपचुनाव की मतगणना जारी है। इस बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने स्थानीय नेता मोरपाल सुमन को उम्मीदवार बनाकर चुनावी मैदान में उतारा। सत्ताधारी पार्टी ने बाहरी उम्मीदवारों के बजाय संगठन से जुड़े और जमीनी कार्यकर्ता मोरपाल सुमन पर भरोसा जताया। उनका मुकाबला कांग्रेस के प्रमोद जैन भाया और निर्दलीय नरेश मीणा से रहा।
मोरपाल सुमन का राजनीतिक सफर:
मोरपाल सुमन बारां पंचायत समिति के वर्तमान प्रधान हैं और लंबे समय से भाजपा संगठन से जुड़े हुए हैं। उनका परिवार भी पंचायत राजनीति में सक्रिय रहा है। उनकी पत्नी नटी बाई सुमन 2010 में पंचायत समिति सदस्य बनीं और वर्तमान में तिसाया गांव की सरपंच हैं।
सुमन ने 1995 में बारां पंचायत समिति सदस्य के रूप में राजनीति शुरू की और 2000 में सरपंच बने। 2015 में जिला परिषद चुनाव में उनका नामांकन रद्द हो गया, लेकिन इसके बावजूद उन्होंने पार्टी संगठन से नाता नहीं तोड़ा और लगातार सक्रिय बने रहे।
चुनावी रणनीति और स्थानीय समर्थन:
पिछले दो विधानसभा चुनावों में भाजपा ने अंता सीट से बाहरी उम्मीदवारों को टिकट दिया था। इस बार पार्टी ने स्थानीय भावना और जातिगत समीकरण को ध्यान में रखते हुए माली समाज के मोरपाल सुमन को उम्मीदवार बनाया। अंता क्षेत्र में माली-सैनी समाज का वर्चस्व है, जिससे भाजपा की रणनीति सफल होने की उम्मीद है।
चुनाव प्रचार के दौरान मोरपाल सुमन को स्थानीय कार्यकर्ताओं और वरिष्ठ नेताओं का मजबूत समर्थन मिला। अब मतगणना के दौरान सबकी निगाहें इस पर टिकी हैं कि क्या भाजपा का दांव सफल होगा या कांग्रेस और निर्दलीय उम्मीदवार सुमन की राह रोक पाएंगे।