Sunday, November 2

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने दी प्रदेशवासियों को स्थापना दिवस की शुभकामनाएं

इंदौर, 31 अक्टूबर 2025।
मध्यप्रदेश के 70वें स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दीं। उन्होंने कहा कि “मध्यप्रदेश अब 70 वर्ष का हो गया है और यह दिन हमारी गौरवशाली विकास यात्रा का प्रतीक है।”

मुख्यमंत्री ने कहा कि 1 नवम्बर 1956 को गठित यह राज्य केवल भारत के भौगोलिक हृदय में ही नहीं, बल्कि देश के विकास मानचित्र पर भी अपनी विशिष्ट पहचान बना चुका है। सात दशकों में मध्यप्रदेश ने कृषि, सिंचाई, उद्योग, शिक्षा, स्वास्थ्य, बुनियादी ढाँचे, महिला सशक्तिकरण और पर्यावरण संरक्षण जैसे सभी क्षेत्रों में ऐतिहासिक प्रगति की है।

डॉ. यादव ने कहा कि कभी “बीमारू” कहे जाने वाला मध्यप्रदेश आज “देश का फूड बास्केट” बन चुका है। किसानों की आय दोगुनी करने और कृषि आत्मनिर्भरता की दिशा में अनेक योजनाएं सफलतापूर्वक लागू की गई हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि “देवी अहिल्या नारी सशक्तिकरण मिशन” और “लाड़ली लक्ष्मी योजना” जैसी योजनाएं महिला सशक्तिकरण की मिसाल हैं, जबकि युवाओं के लिए “मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना” और “स्टार्टअप मध्यप्रदेश” रोजगार और नवाचार के नए द्वार खोल रही हैं। सुशासन एवं डिजिटल नवाचारों के माध्यम से शासन को जनता के द्वार तक पहुँचाया गया है।

डॉ. यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के “सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास” के मंत्र के साथ “विकसित भारत @2047” के विज़न पर आगे बढ़ रहा है। स्मार्ट शहर, हरित ऊर्जा, जल संरक्षण, डिजिटल गवर्नेंस और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अभूतपूर्व कार्य किए जा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज मध्यप्रदेश केवल भौगोलिक ही नहीं, बल्कि सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और पर्यटन दृष्टि से भी देश के हृदय की धड़कन बन चुका है। हमारा लक्ष्य है — हर नागरिक तक विकास का लाभ पहुँचे, हर हाथ को काम मिले, हर घर में खुशहाली हो और हर मन में मध्यप्रदेशवासी होने का गर्व जागे।

स्थापना दिवस के अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे एकजुट होकर “विकसित, आत्मनिर्भर और सशक्त मध्यप्रदेश” के निर्माण में सक्रिय भूमिका निभाएं। उन्होंने कहा कि यह अवसर अतीत की उपलब्धियों को स्मरण करने और भविष्य के स्वर्णिम लक्ष्य तय करने का है — ताकि मध्यप्रदेश आने वाले वर्षों में राष्ट्र के विकास की अग्रिम पंक्ति में खड़ा हो सके।


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