
लखनऊ: उत्तर प्रदेश में आने वाले दिनों में ठंड बढ़ने की संभावना के मद्देनजर, जिलाधिकारी विशाख अय्यर ने लखनऊ में रैन बसेरों, अस्पतालों और गौशालाओं में ठंड से बचाव की तैयारियों की समीक्षा की। डीएम ने स्पष्ट निर्देश दिए कि कोई भी गरीब या जरूरतमंद व्यक्ति ठंड में खुले में रात न गुजारें।
बैठक में जिलाधिकारी ने कहा कि शहर के 25 स्थायी और 40 अस्थायी रैन बसेरों की मरम्मत और व्यवस्था समय पर पूरी की जाए। हर रैन बसेरे में बेड, गद्दे, कंबल, साफ पानी, शौचालय और पर्याप्त रोशनी की सुविधा सुनिश्चित की जाए। साथ ही, महिलाओं और पुरुषों के लिए अलग ठहरने की व्यवस्था की जाए।
पीओ डूडा ने बताया कि अभी डूडा के तहत 8 रैन बसेरे कार्यरत हैं और बाक़ी स्थायी एवं अस्थायी रैन बसेरों के निर्माण और तैयारी का काम तेजी से चल रहा है। जिलाधिकारी ने सभी रैन बसेरों पर केयरटेकर का नाम और मोबाइल नंबर बोर्ड पर लगाने का निर्देश भी दिया, ताकि जरूरतमंद लोग आसानी से संपर्क कर सकें।
पशुओं की सुरक्षा भी प्राथमिकता
डीएम विशाख अय्यर ने यह भी निर्देश दिए कि ठंड से गायों और अन्य पशुओं को सुरक्षा मिलनी चाहिए। नगर आयुक्त गौरव कुमार ने बताया कि स्थायी रैन बसेरों की मरम्मत चल रही है, जबकि अस्थायी रैन बसेरों के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है।
जिलाधिकारी ने सभी उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में रैन बसेरों का निरीक्षण करने और व्यवस्थाओं को पुख्ता करने का आदेश दिया। इसके अलावा, बस अड्डों और बड़े यातायात स्थलों पर यात्रियों के लिए रैन बसेरों के बोर्ड, पीए सिस्टम और ठहरने की सुविधा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए गए।
इस तैयारी के साथ लखनऊ प्रशासन ठंड से न सिर्फ लोगों बल्कि पशुओं को भी सुरक्षित रखने के प्रयासों में जुटा हुआ है।